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सरकार को वक्फ की सारी जमीन ले लेनी चाहिए : साध्वी ऋतंभरा

साध्वी ऋतंभरा ने रविवार को मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए वक्फ के नाम पर देश की जमीन को हथियाने का आरोप लगाया

सरकार को वक्फ की सारी जमीन ले लेनी चाहिए : साध्वी ऋतंभरा
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मुंबई। साध्वी ऋतंभरा ने रविवार को मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए वक्फ के नाम पर देश की जमीन को हथियाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह लोग वक्फ के नाम पर पूरे भारत की जमीन हथियाने की कोशिश कर रहे हैं। इस षड्यंत्र को असफल कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू होने वाले कुंभ मेले पर कहा कि योगी आदित्यनाथ ने इस बार जिस तरह से कुंभ की व्यवस्था की है, वह सचमुच अभिनंदनीय है।

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "यह लोग वक्फ के नाम पर पूरे भारत की जमीन हथियाने की कोशिश कर रहे हैं। इस षड्यंत्र को असफल कर देना चाहिए। वक्फ बोर्ड ने जिस तरीके से अवैध रूप से जमीन कब्जा की है। वह सारी जमीन सरकार की हो जानी चाहिए। देशवासियों के साथ बहुत गलत हो रहा है।

इसके बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन पर हो रही राजनीति के सवाल पर उन्होंने कहा,"ऐसा कुछ नहीं है। कुंभ पर कोई राजनीति नहीं हो रही है। कुंभ धर्म और पुण्य अर्जित करने का स्थान है। योगी आदित्यनाथ ने इस बार जिस तरह से कुंभ की व्यवस्था की है, वह सचमुच अभिनंदनीय है।

बता दें कि इस बार उत्तर प्रदेश की सरकार कुंभ मेले को डिजिटल कुंभ बना रही है। पुलिस के जवानों की कागज पर दर्ज होने वाली हाज़िरी महाकुंभ में डिजिटल हाजिरी हो गई है। महाकुंभ-2025 में ड्यूटी के लिए आए सभी पुलिसकर्मियों को मेले में ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण ले रहे सभी पुलिस कर्मियों की अटेंडेंस बायोमेट्रिक तरीके से दर्ज हो रही है।

प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ-2025 में 40 करोड़ श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराने के लिए लगभग 50 हज़ार पुलिस कर्मी तैनात होंगे। एसएसपी कुंभ मेला राजेश द्विवेदी ने बताया कि कुंभ मेले में आए पुलिस कर्मियों का सॉफ्ट स्किल, आपदा प्रबंधन, भौगोलिक स्थितियों की जानकारी आदि के लिए प्रशिक्षण चल रहा है।

इस दौरान सभी पुलिस कर्मियों की अटेंडेंस बायोमेट्रिक तरीके से रिकॉर्ड की जा रही है। जिससे हाज़िरी लगाने में समय की बचत के साथ ही रिकॉर्ड मेंटेन करने में भी आसानी हो रही है। इससे पूर्व अटेंडेंस के लिए पारंपरिक रजिस्टर का रख रखाव मुश्किल होता था, लेकिन डिजिटल अटेंडेंस ने इन झंझटों से मुक्ति दिला दी है।


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