Top
Begin typing your search above and press return to search.

राहुल गांधी वाल्मीकि मंदिर जाने का ढोंग कर रहे, आरक्षण विरोधी रहा है कांग्रेस का इतिहास: भाजपा

लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वाल्मीकि जयंती के अवसर पर वाल्मीकि मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की है

राहुल गांधी वाल्मीकि मंदिर जाने का ढोंग कर रहे, आरक्षण विरोधी रहा है कांग्रेस का इतिहास: भाजपा
X

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वाल्मीकि जयंती के अवसर पर वाल्मीकि मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की है।

भाजपा ने राहुल गांधी के वाल्मीकि मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करने को ढोंग बताते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस का इतिहास ही आरक्षण विरोध का रहा है।

भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आज वाल्मीकि जयंती है। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी वाल्मीकि मंदिर जाने का ढोंग कर रहे हैं, इसलिए फिर एक बार कांग्रेस के आरक्षण विरोधी इतिहास को दोहराना ज़रूरी है। राहुल गांधी ने अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान कहा है कि वह "आरक्षण हटा देंगे"। ये वही धुन है जो राहुल गांधी का परिवार नेहरू के जमाने से गाता आ रहा है।"

नेहरू गांधी परिवार पर आरक्षण विरोधी होने का बड़ा आरोप लगाते हुए मालवीय ने आगे कहा, "जवाहर लाल नेहरू सरकार ने 1956 में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की काका कालेलकर रिपोर्ट को खारिज कर दिया। नेहरू ने 1961 में मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा कि आरक्षण से अक्षमता और दोयम दर्जे का मानक पैदा होता है। नेहरू ने जीवन भर डॉ. अंबेडकर के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें लोकसभा चुनाव में हराने के लिए हर तरह से साजिश रची। इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालकर ओबीसी आरक्षण में देरी की। राजीव गांधी ने 1985 में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को "बुद्धू" कहा था।"

उन्होंने आगे कहा कि राजीव गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध किया और 1990 में लोकसभा में ओबीसी आरक्षण का पुरजोर विरोध किया। वर्ष 2004-2010 के बीच, कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए 4 प्रयास किए। इसे ओबीसी कोटा से अलग कर दिया और इस तरह ओबीसी को उनके उचित अधिकार से वंचित कर दिया। कांग्रेस ने कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी इसी तरह के कदम उठाए थे। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अब मुसलमानों को ओबीसी सूची में शामिल कर लिया है। कांग्रेस सरकार ने 2010 में ओबीसी की केंद्रीय सूची में ओबीसी श्रेणी के तहत कुछ मुस्लिम समुदायों को आरक्षण प्रदान किया।

भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारों के कार्यकाल में जामिया मिलिया और एएमयू जैसे सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थानों के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिससे पिछड़ों को आरक्षण देने से इनकार कर दिया गया। वहीं 93वें संवैधानिक संशोधन (2005) के तहत अल्पसंख्यक संस्थानों को आरक्षण प्रदान करने से छूट दी गई। इस एक कदम से सैकड़ों संस्थानों से पिछड़े समुदायों के अधिकार छीन लिए गए।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it