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'तुष्टिकरण नहीं संतुष्टिकरण हमारी सरकार की भावना', सूरत खाद्य सुरक्षा संतृप्ति अभियान के उद्घाटन पर बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सूरत के लिंबायत में सूरत खाद्य सुरक्षा संतृप्ति अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया

तुष्टिकरण नहीं संतुष्टिकरण हमारी सरकार की भावना, सूरत खाद्य सुरक्षा संतृप्ति अभियान के उद्घाटन पर बोले पीएम मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सूरत के लिंबायत में सूरत खाद्य सुरक्षा संतृप्ति अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत लगभग दो लाख पात्र लोगों को अभियान के लाभ प्रदान किए।

लिंबायत के नीलगिरि ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "मैं सौभाग्यशाली हूं कि आज देश और गुजरात की जनता ने मुझे तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर दिया है। सूरत अनेक मामलों में गुजरात का और देश का एक अग्रणी शहर है।"

उन्होंने कहा कि सूरत आज गरीब को, वंचित को भोजन और पोषण की सुरक्षा देने में आगे निकल रहा है। यहां आज जो खाद्य सुरक्षा अभियान चलाया गया है, यह दूसरे जिलों के लिए भी प्रेरणा बनेगा। यह अभियान सुनिश्चित करता है कि न कोई भेदभाव हो, न कोई छूटे, न कोई रूठे और न कोई किसी को ठगे।

पीएम मोदी ने कहा कि यह तुष्टिकरण की भावना को छोड़कर संतुष्टिकरण की पवित्र भावना को आगे बढ़ाता है। जब सरकार ही लाभार्थी के दरवाजे पर जा रही है, तो कोई छूटेगा कैसे और जब कोई छूटेगा नहीं तो कोई रूठेगा कैसे। जब सोच यह हो कि हमें सब तक लाभ पहुंचाना है, तो ठगने वाले दूर भाग जाते हैं।

पीएम मोदी ने कहा, "आज मुझे संतोष है कि हमारी सरकार गरीबों की सच्ची साथी बनकर खड़ी है। कोविड महामारी के दौरान जब भारत को बहुत मदद की जरूरत थी, तब गरीबों को उचित भोजन मिले, इसके लिए गरीब कल्याण योजना शुरू की गई। यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि गुजरात सरकार ने इस पहल का विस्तार किया है। आज केंद्र सरकार गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है। विकसित भारत की यात्रा में पौष्टिक भोजन की बड़ी भूमिका है। हमारा लक्ष्य देश के हर परिवार को पर्याप्त पोषण देने का है ताकि कुपोषण और एनीमिया जैसी बड़ी समस्याओं से देश मुक्त हो सके।"

उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने गांवों में बीमारियों को कम करने में मदद की है। हर घर जल अभियान ने भी बीमारियों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पहले एक जगह का राशन कार्ड दूसरी जगह नहीं चलता था। हमने "वन नेशन-वन राशन कार्ड" लागू किया। राशन कार्ड को आधार से जोड़कर पांच करोड़ से ज्यादा फर्जी राशन कार्ड धारकों को सिस्टम से हटाया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार करीब 60 करोड़ भारतीयों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया गया। इसके अलावा सरकार ने गरीब और निम्न-मध्यम वर्ग को बीमा का सुरक्षा कवच भी दिया। देश में 36 करोड़ से ज्यादा लोग सरकारी बीमा योजनाओं से जुड़े हैं और अब तक 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा क्लेम राशि के रूप में इन परिवारों को दिया जा चुका है। पक्का घर, शौचालय, गैस कनेक्शन, नल कनेक्शन पाकर गरीबों को नया आत्मविश्वास मिला।

उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत 32 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन बिना किसी गारंटी के गरीबों को दिए गए हैं। मध्यम वर्ग का देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए बीते दशक में मध्यम वर्ग को सशक्त करने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। इस साल के बजट में इसी भावना को आगे बढ़ाया गया। अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।

कुछ दिन पहले मैंने देश की नारी शक्ति से अपनी सफलताओं को, अपनी उपलब्धियों को, अपने जीवन की प्रेरणादायी यात्रा को "नमो ऐप" पर शेयर करने का आग्रह किया। अनेक बहनों-बेटियों ने नमो ऐप पर अपनी गाथाएं शेयर की हैं। शनिवार को महिला दिवस है और इस अवसर पर मैं अपना सोशल अकाउंट ऐसी ही कुछ प्रेरणादायी बहनों-बेटियों को सौंपने जा रहा हूं।

इससे पहले पीएम मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव के सिलवासा में 2,580 करोड़ रुपये से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ किया। इनमें विभिन्न ग्रामीण सड़कें और अन्य सड़क अवसंरचना, स्कूल, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, पंचायत और प्रशासनिक भवन, आंगनवाड़ी केंद्र, जलापूर्ति और सीवेज अवसंरचना आदि शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य कनेक्टिविटी में सुधार करना, औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना, पर्यटन को प्रोत्साहित करना, रोजगार के अवसर पैदा करना और क्षेत्र में जन कल्याण पहलों को बढ़ावा देना है।

इस दौरान पीएम मोदी ने 'नमो अस्पताल' के पहले चरण का उद्घाटन किया। 460 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 450 बिस्तरों वाला यह अस्पताल केंद्र शासित प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को काफी मजबूत करेगा। यह क्षेत्र के लोगों, खासकर आदिवासी समुदायों को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवा प्रदान करेगा।


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