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'आप' की सरकार में 'अस्तित्वहीन' विभाग का नेतृत्व संभव : हरदीप सिंह पुरी

पंजाब सरकार में मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल द्वारा 'अस्तित्वहीन' विभाग चलाने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भगवंत मान सरकार पर जोरदार निशाना साधा है

आप की सरकार में अस्तित्वहीन विभाग का नेतृत्व संभव : हरदीप सिंह पुरी
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नई दिल्ली। पंजाब सरकार में मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल द्वारा 'अस्तित्वहीन' विभाग चलाने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भगवंत मान सरकार पर जोरदार निशाना साधा है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "पंजाब में क्या हो रहा है। भगवंत मान की सरकार में मंत्री 20 महीने से एक ऐसे विभाग का नेतृत्व कर रहे थे, जो था ही नहीं। मैं समझता हूं कि इस तरह का कमाल सिर्फ आम आदमी पार्टी की सरकार में ही हो सकता है।"

दरअसल, शुक्रवार को मुख्य सचिव द्वारा जारी गजट अधिसूचना में धालीवाल को आवंटित प्रशासनिक सुधार विभाग अस्तित्व में नहीं है। अब धालीवाल केवल एनआरआई मामलों के विभाग का प्रभार संभालेंगे। अधिसूचना में कहा गया है, "मंत्रियों के बीच विभागों के आवंटन के संबंध में पंजाब सरकार की प‍िछली अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए, धालीवाल को पहले आवंटित प्रशासनिक सुधार विभाग आज की तारीख में अस्तित्व में नहीं है।"

इससे पहले, धालीवाल के पास कृषि और किसान कल्याण विभाग था। मई 2023 में कैबिनेट फेरबदल में उन्हें प्रशासनिक सुधार विभाग दिया गया। सितंबर 2024 में एक और कैबिनेट फेरबदल में धालीवाल को “अस्तित्वहीन” विभाग दिया गया।

'अस्तित्वहीन' विभाग चलाने के मुद्दे पर भाजपा ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार की आलोचना की और इस फैसले को "केजरीवाल मॉडल" करार दिया।

भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने 'आप' प्रमुख अरविंद केजरीवाल को ढोंगी बताया। उन्होंने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "आप पंजाब सरकार में संकट की कल्पना कर सकते हैं, उन्हें यह समझने में 20 महीने लग गए कि उसके एक प्रमुख मंत्री को सौंपा गया विभाग वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं था।"

वहीं, दूसरी ओर डीयू लिटफेस्ट 2025 कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भाग लिया। उन्होंने कहा, "मैं इस कार्यक्रम में बहुत उत्साह और खुशी के साथ आया हूं। यहां की ऊर्जा और उत्साह को देखिए। जब दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र एक साहित्यिक उत्सव में भाग लेते हैं, जहां सभी रूपों में किताबों और साहित्य पर चर्चा होती है, तो यह एक जीवंत माहौल बनाता है।"


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