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भारतीय सेना के अदम्य साहस और बलिदान को हर भारतीय नमन करता है : राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना को शुभकामनाएं दीं। खड़गे ने कठिन चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में भी अडिग रहने के जज्बे को सलाम किया तो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अदम्य साहस को नमन किया

भारतीय सेना के अदम्य साहस और बलिदान को हर भारतीय नमन करता है : राहुल गांधी
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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना को शुभकामनाएं दीं। खड़गे ने कठिन चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में भी अडिग रहने के जज्बे को सलाम किया तो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अदम्य साहस को नमन किया।


मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हम भारतीय सेना दिवस के अवसर पर बहादुर सैनिकों, दिग्गजों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता और श्रद्धा व्यक्त करते हैं। भारतीय सेना भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की आधारशिला के रूप में खड़ी है, जो कठिन और चुनौतीपूर्ण इलाकों में हमारी सीमाओं की रक्षा करती है। बाहरी सुरक्षा बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका से परे सेना आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अमूल्य सहायता प्रदान करके लगातार अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती है।"


राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, "अपने अटूट समर्पण और शौर्य से दिन रात भारतीय सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर जवानों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को सेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आपके अदम्य साहस और बलिदान को हर भारतीय नमन करता है। जय हिंद, जय भारत।"


कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, "सेना दिवस के अवसर पर फौज के सभी भाइयों, सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैन्य कर्मियों एवं उनके परिवारों को मेरी शुभकामनाएं। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहते हुए सेवा, समर्पण, साहस और बलिदान की आपकी अनुकरणीय गाथा देशवासियों को सदैव प्रेरणा देती रहेगी। देश हमेशा आपका ऋणी रहेगा।"

हर साल 15 जनवरी को भारत अपने सैनिकों की वीरता, समर्पण और बलिदान का सम्मान करने के लिए सेना दिवस मनाता है। यह महत्वपूर्ण दिन 1949 के उस महत्वपूर्ण अवसर की याद दिलाता है, जब जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करिअप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर फ्रांसिस बुचर से सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला था।


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