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सीएम ममता बनर्जी का केंद्र पर हमला, कहा- 'सरकार लोगों की जेब से पैसे निकाल रही'

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार पर महंगाई को लेकर निशाना साधा

सीएम ममता बनर्जी का केंद्र पर हमला, कहा- सरकार लोगों की जेब से पैसे निकाल रही
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार पर महंगाई को लेकर निशाना साधा। सीएम ममता ने आरोप लगाया है कि भाजपा केंद्र में सरकार नहीं चला रही है, वह लोगों की जेब से पैसे निकाल रही है।

सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "केंद्र में भाजपा सरकार के लिए 'विकास' का विचार आम भारतीयों की जेब से एक-एक पैसा निचोड़ रहा है। ज़रूरी दवाओं से लेकर पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस तक, हर ज़रूरत धीरे-धीरे विलासिता बनती जा रही है। जबकि परिवार बचत में कमी और बढ़ते कर्ज से जूझ रहे हैं, यह सरकार घरेलू बजट पर अपना हमला जारी रखे हुए है।

सीएम ममता ने आगे कहा, "भाजपा केंद्र में सरकार नहीं चला रही है, वह लोगों की जेब से पैसे निकाल रही है।"

बता दें कि सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के 25 हजार से अधिक बर्खास्त शिक्षकों से मुलाकात की थी। यह मुलाकात सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद हुई, जिसमें 2016 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को धोखाधड़ी और अनियमितताओं से प्रभावित बताते हुए सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था। ममता ने इस मामले को "शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने की साजिश" करार दिया और न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे।

सीएम बनर्जी ने कहा था, "मैं पश्चिम बंगाल में नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के साथ खड़ी हूं, उनका सम्मान वापस दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगी। जब तक मैं ज़िंदा हूं, किसी को भी आपकी नौकरियां नहीं छीनने दूंगी।"

वहीं, पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि 26 हजार शिक्षकों को बेरोजगार बना दिया गया और इसके लिए सीएम ममता सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ने एक बड़ा शिक्षक भर्ती घोटाला किया है, जिसमें फर्जी नियुक्तियां की गई हैं और इससे असली योग्य शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारी प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने पैसे लेकर 5-6 हजार नौकरियां बेच दीं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 16 बार सुनवाई हो चुकी है, जहां अदालत ने बार-बार यह आदेश दिया कि फर्जी और असली नियुक्तियों को स्पष्ट रूप से अलग किया जाए। लेक‍िन राज्य सरकार ने अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।


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