Top
Begin typing your search above and press return to search.

अब तक रोटी को बाँटने की सियासत हुई है: रविशंकर प्रसाद

 विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विकास को लेकर पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुये आज कहा कि देश में अब तक रोटी को बाँटने की सियासत हुई है

अब तक रोटी को बाँटने की सियासत हुई है: रविशंकर प्रसाद
X

नयी दिल्ली। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विकास को लेकर पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुये आज कहा कि देश में अब तक रोटी को बाँटने की सियासत हुई है, लेकिन उसे बढ़ाने की सियासत नहीं हुई है।

प्रसाद ने हीरो इंटरप्राइजेज द्वारा यहाँ आयोजित ‘माइंडमाइंस सम्मेलन 2018’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये कहा “इस मुल्क में रोटी को बाँटने की सियासत बहुत हुई है, रोटी को बढ़ाने की सियासत नहीं हुई है। ” उन्होंने कहा कि समानता एवं विकास पर हमेशा बहस होती रहेगी। बिना समानता के विकास हो सकता है, लेकिन समानता के लिए विकास जरूरी है।

विधि मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस साल भारत की विकास दर 7.4 प्रतिशत और अगले साल 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो दुनिया में सर्वाधिक होगी। साथ ही खुदरा महँगाई नियंत्रण में है और दुनिया में सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में आ रहा है। यह सब मौजूदा सरकार की नीतियों में स्पष्टता के कारण संभव हुआ है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर देश की साख बढ़ी है और अब आबादी के अनुपात में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उसका प्रभुत्व स्थापित हो चुका है।

प्रसाद ने संप्रग सरकार और मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हुये कामों की तुलना करते हुये कहा कि पिछले तीन साल में एक लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा गया है। ‘जनधन-आधार-मोबाइल’ (जैम) की मदद से सरकारी सब्सिडी सीधे बैंक खातों में हस्तांतरित करने से 83 हजार करोड़ रुपये बचाये गये हैं। भीम ऐप से होने वाला लेनदेन मार्च 2018 तक बढ़कर 24,172 करोड़ रूपये पहुँच गया। अब तक 270 अस्पतालों को डिजिटल मंच से जोड़ा गया है।

डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डाटा की उपलब्धता, निजता और विश्लेषण आदि के बीच संतुलन होना चाहिये।

डिजिटलीकरण से रोजगार घटने की आशंकाओं को खारिज करते हुये उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण के साथ नये तरह के कौशल की जरूरत हो सकती है, लेकिन इससे रोजगार घटेंगे नहीं। उल्टे रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। प्रसाद ने कहा कि जब देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था 10 खरब डॉलर की हो जायेगी तो इस क्षेत्र में 50 से 75 लाख लोगों को रोजगार भी मिलेगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it