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अखिलेश मुरैना के चौंसठ योगिनी मंदिर पहुंचे, बोले- ढांचे का ध्यान रखे सरकार

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को मध्यप्रदेश के मुरैना स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर पहुंचे

अखिलेश मुरैना के चौंसठ योगिनी मंदिर पहुंचे, बोले- ढांचे का ध्यान रखे सरकार
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को मध्यप्रदेश के मुरैना स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार को मंदिर के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का ध्यान रखना चाहिए। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने इस प्राचीन एवं महत्वपूर्ण मंदिर के बुनियादी ढांचे के रखरखाव और सुविधाओं में कमी को देखकर कहा, "भाजपा सरकार को इसके रखरखाव के लिए सवरेत्तम प्रबंध करना चाहिए।" उन्होंने समाजवादी सरकार बनने पर पुरातात्विक स्थल चौंसठ योगिनी मंदिर के विकास में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

चम्बल के बीहड़ों के बीच बना यह मंदिर प्राचीनता और स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण है। मुरैना जिले से 40 किलोमीटर दूर मितावली पहाड़ी में 300 फीट की ऊंचाई पर स्थापित 64 योगिनी मंदिर को इकोत्तरसो या इकंतेश्वर महादेव मंदिर भी कहा जाता है। इसका निर्माण 9वीं सदी में प्रतिहार वंश के राजाओं ने करवाया था। मंदिर प्रांगण में पहले सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां थीं।

एक हजार साल पहले इस मंदिर की ख्याति तांत्रिक अनुष्ठान विश्वविद्यालय के रूप में थी। यहां देश-विदेश से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे। दिल्ली स्थित संसद भवन के वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और हरबर्ट बेकर ने पार्लियामेंट का डिजाइन चौंसठ योगिनी मंदिर के आधार पर ही तैयार किया था। संसद भवन का निर्माण सन् 1921 में शुरू होकर सन् 1927 में पूरा हुआ था।


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