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सिद्धू को जनता का और दक्षिण भारतीयों का अपमान करने का अधिकार नहीं: भाजपा 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान को दक्षिण भारत से अधिक प्रिय बताने संबंधी बयान पर आज तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की

सिद्धू को जनता का और दक्षिण भारतीयों का अपमान करने का अधिकार नहीं: भाजपा 
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नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान को दक्षिण भारत से अधिक प्रिय बताने संबंधी बयान पर आज तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

भाजपा ने कांग्रेस पर शुरू से ही दक्षिण भारतीयों से घृणा एवं उनका अपमान करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इसके लिए दक्षिण भारतीयों से क्षमायाचना और सिद्धू को पंजाब सरकार के मंत्री के पद से बर्खास्त करना चाहिए।



भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आज कहा कि सिद्धू ने पाकिस्तान की तारीफ में दक्षिण भारत एवं दक्षिण भारतीयों का अपमान किया है। ये कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति का एक और नमूना है।



उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही दक्षिण भारतीयों से घृणा करती रही है। कांग्रेस में एकमात्र गैर गांधी प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव ने पांच साल तक शासन किया था जिनसे सोनिया गांधी घृणा करती रहीं और उनके निधन के पश्चात राव का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय नहीं लाने दिया और ना ही राजधानी में उनका अंतिम संस्कार होने दिया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नहीं भूलना चाहिए कि उसकी अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार दस साल तक दक्षिण भारतीयों के समर्थन से ही चली थी। लेकिन इसके बावजूद भी दक्षिण भारतीयों के प्रति कांग्रेस की नफरत दूर नहीं हो पायी। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देशवासियों खासकर दक्षिण भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए और सिद्धू को पंजाब मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए।

नरसिंह राव ने कहा कि आम चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी विभाजनकारी और तोड़फोड़ की राजनीति पर उतारू हो गयी है। कांग्रेस के नेता पाकिस्तान और भारत के टुकड़े टुकड़े गैंग के समर्थन में खड़े दिखायी दे रहे हैं। गुजरात में हाल में कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकोर एवं उनके संगठन के लोगों ने उत्तर प्रदेश एवं बिहार के लोगों को जिस प्रकार से भागने पर मजबूर किया, वह उसकी विभाजनकारी राजनीति का नमूना है।

कांग्रेस का भीमा कोरेगांव का जातीय संघर्ष में हाथ एवं शहरी नक्सली का समर्थन दरअसल कैम्ब्रिज एनालिटिका के देश में सामाजिक, सांप्रदायिक एवं जातीय टकराव के एजेंडा के अनुरूप दिखायी देता है।


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