Top
Begin typing your search above and press return to search.

कब सुलझेगा सिद्धू-कैप्टन का विवाद

पंजाब विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है, ऐसे में राजनीतिक दलों ने जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.लेकिन कांग्रेस की जीत की राह में कलह सबसे बड़ी मुसीबत बन रही है.क्योंकि इस वक्त सिद्धू और कैप्टन में छिड़ा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.जिसे सुलझाने के चक्कर में हरीश रावत भी पसोपेश में फंसते दिख रहे हैं.

कब सुलझेगा सिद्धू-कैप्टन का विवाद
X

पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच सुलह कराने में जुटे हरीश रावत इस वक्त पसोपेश में हैं...क्योंकि रावत जैसे ही कैप्टन को मजबूती देने का ऐलान करते हैं, वैसे ही सिद्धू और उनके समर्थकों की म्यान से बयानों की तलवारें निकल आती हैं...वहीं जब रावत सिद्धू के साथ खड़े होने लगते हैं तो कैप्टन समर्थक नेता उनके खिलाफ सक्रिय हो जाते हैं...इसी वजह से वो पंजाब की कलह को खत्म नहीं करा पा रहे हैं...वहीं दूसरी ओर, पार्टी हाईकमान पसोपेश में है कि प्रदेश कांग्रेस को कैसे एकजुट किया जाए, क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही पार्टी में विवाद तेज होते जा रहे हैं... बीते 5 महीने के दौरान कैप्टन-सिद्धू विवाद के चलते हरीश रावत को बार-बार चंडीगढ़ और नई दिल्ली के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं...रावत ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात भी की...उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस में कोई विवाद नहीं है और सब कुछ ठीक है...हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वो अगले एक-दो दिन में चंडीगढ़ पहुंचकर कैप्टन और सिद्धू की बैठक करवाकर सुलह कराने की कोशिश करेंगे...रावत के बयान से साफ है कि हाईकमान कैप्टन और सिद्धू के अलावा अन्य नेताओं को भी तरजीह देना चाहता है...हाईकमान को लगता है कि उनके विरोध जताने से ही सिद्धू के सलाहकार मालविंदर माली को हटना पड़ा है... इसी तरह मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि अगर उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है तो सभी विधायकों से तालमेल बैठाना होगा...यानी साफ है कि आलाकमान का पूरा फोकस इस वक्त पंजाब में कलह को दूर कराने पर है.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it