शिवराज सिंह चौहान की बाढ़ पर सरकार से श्वेतपत्र लाने की मांग
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में आई बाढ़ को प्रशासन की लापरवाही बताते हुए सरकार से इस पर श्वेतपत्र लाने की मांग की

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में आई बाढ़ को प्रशासन की लापरवाही बताते हुए सरकार से इस पर श्वेतपत्र लाने की मांग की है।
श्री @ChouhanShivraj आज श्योपुर, मुरैना और भिंड में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेंगे और प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनेंगे।
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) September 18, 2019
चौहान ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान दावा किया राज्य की बाढ़ शताब्दी की सबसे बड़ी जलप्रलय है। प्रशासन की लापरवाही के कारण मंदसौर, नीमच, श्योपुर, भिंड और मुरैना इस आपदा का शिकार हो गया। उन्होंने कहा कि वे सरकार से इस पर श्वेतपत्र जारी करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग करते हैं।
यह शताब्दी का सबसे बड़ा जल प्रलय है। प्रशासन की लापरवाही के कारण मंदसौर, नीमच और श्योपुर, भिंड, मुरैना इस आपदा का शिकार हो गया। मैं सरकार से इस पर श्वेत पत्र जारी करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग करता हूँ। pic.twitter.com/EaBgfpZlnh
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 18, 2019
उन्होंने कहा कि उन्होंने बाढ़ग्रस्त मंदसौर और नीमच का दौरा किया। इसके बाद आज श्योपुर, भिंड, मुरैना जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग स्वयं अपने आप को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं और प्रशासन का कोई पता नहीं है।
मैं बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए दान देने वाले भाइयों-बहनों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ।कल से ही गाड़ियों में भरकर अनाज, कपड़े, कंबल, बर्तन मंदसौर और नीमच पहुँचने लगे हैं। जनता ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा दिया है, लेकिन सरकार कहीं नजर नहीं आ रही है। pic.twitter.com/H76L1OFBXc
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 18, 2019
उन्होंने इस आपदा को मानवनिर्मित बताते हुए आरोप लगाया कि गाँधी सागर बाँध में निर्धारित मात्रा से अधिक जल भराव किया गया। समय पर पानी नहीं छोड़ा गया। मौसम विभाग की चेतावनी की भी अनदेखी की गई।
चौहान ने राज्य सरकार द्वारा केंद्र से मदद नहीं मिलने के आरोपों पर कहा कि क्या सरकार ने केंद्र के पास क्षति का आंकलन भेजा है। सरकार प्रस्ताव भेज कर संवैधानिक प्रक्रिया पूरी करे, इसके बाद विपक्ष पूरा सहयोग करेगा।


