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शरद पवार ने मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की

शरद पवार ने मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की
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नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की।

शरद पवार पार्टी विधायक जितेंद्र अव्हाड के साथ दोपहर दो बजे मध्य दिल्ली में 10 राजाजी मार्ग स्थित खड़गे के आवास पर पहुंचे। वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठक 30 मिनट से अधिक समय तक चली।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया, ''देश की जनता की आवाज़ और बुलंद करने के लिये आज राहुल गांधी के साथ, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार जी से मुलाकात की।

हम हर चुनौती के लिए तैयार हैं। जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पोस्ट में मुलाकात की तस्वीरें भी शेयर कीं।

एक ट्वीट में भी पवार ने कहा, ''कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद मलिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर शिष्टाचार मुलाकात की। बैठक में सांसद राहुल गांधी, राकांपा विधायक जितेंद्र अवहाद और सीडब्ल्यूसी सदस्य गुरदीप सपल भी मौजूद थे।''

शरद पवार ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, ''कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की। बैठक में सांसद राहुल गांधी, राकांपा विधायक जितेंद्र अवहाद और सीडब्ल्यूसी सदस्य गुरदीप सपल भी मौजूद थे।''

पार्टी सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ नेताओं ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन की भविष्य की रणनीति पर चर्चा की।

सूत्र ने कहा कि नेताओं ने वर्तमान राजनीतिक स्थिति और गठबंधन के लिए आगे की राह पर भी चर्चा की। यह घटबंधन 2024 के लोकसभा चुनावों में केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबला करने के लिए बनाया गया है।

बाद में दिन में भारत का चुनाव आयोग (ईसीआई) पार्टी के नाम और प्रतीक पर दावों को लेकर शरद पवार गुट और एनसीपी के अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।

इस साल की शुरुआत में अजीत पवार ने दोनों गुटों के बीच झगड़े के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया था।

बाद में, चुनाव पैनल ने पार्टी के दोनों गुटों को पत्र लिखकर विभाजन को स्वीकार किया और दोनों को मतदान निकाय को सौंपे गए दस्तावेजों को एक-दूसरे के साथ साझा करने का भी निर्देश दिया।


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