सेज कानून में संशोधन से बढ़ेगा निवेश : सरकार
सरकार ने बुधवार को कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) से जुड़े कानून में संशोधन का उद्देश्य घरेलू तथा विदेशी निवेश तथा निर्यात को और बढ़ाना है

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) से जुड़े कानून में संशोधन का उद्देश्य घरेलू तथा विदेशी निवेश तथा निर्यात को और बढ़ाना है जबकि विपक्ष ने संशोधन के जरिये इसमें ‘ट्रस्ट या कंपनी’ को भी शामिल करने को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अध्यादेश की जगह लाये गये इस विधेयक को चर्चा के लिए आज लोकसभा में पेश करते हुये कहा कि इसका उद्देश्य सेज अधिनियम, 2005 की धारा दो की उपधारा (पाँच) में संशोधन करके उसमें ‘व्यक्ति’ के साथ ही ‘ट्रस्ट अथवा कंपनी’ को भी शामिल किया जाना है। विधेयक में ट्रस्ट एवं कंपनी को परिभाषित करने का अधिकार सरकार को दिया गया है।
रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन.के. प्रेमचंद्रन ने सेज अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाये जाने का विरोध करते हुये इसके लिए सांविधिक संकल्प पेश किया। उन्होंने कहा कि सरकार आदर्श आचार संहिता लागू होने से महज आठ दिन पहले 02 मार्च 2019 को इसके लिए अध्यादेश लेकर आयी जिससे उसकी मंशा पर संदेह होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा कुछ कंपनियों को लाभ पहुँचाने के लिए किया गया और सरकार से उन कंपनियों को ब्योरा माँगा जिन्हें अध्यादेश का लाभ देते हुये इसके लिए सेज में भूमि आवंटित की गई है।
श्री प्रेमचंद्रन ने पूछा कि सेज का उद्देश्य जीडीपी में इन क्षेत्रों से होने वाले निर्यात का योगदान बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना था। क्या सरकार 2005 में सेज अधिनियम बनने के बाद से सेज के लक्ष्यों को हासिल करने में सफल रही है। उन्होंने सेज के तहत अधिग्रहण के बाद खाली पड़ी जमीनों के मुद्दे पर सरकार से उसका रुख स्पष्ट करने को कहा।


