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अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने शासकीय सेवकों के अभिलेखों की छानबीन

शासकीय सेवकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति करने का काम शुरू कर दिया गया है

अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने शासकीय सेवकों के अभिलेखों की छानबीन
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कोरबा। शासकीय सेवकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के संदर्भ में ऐसे शासकीय सेवकों की जानकारी तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है जो 50 वर्ष के चुके हैं अथवा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण की हो। इन कर्मियों की सूची तैयार हो रही है, जिन्हें समीक्षा के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति की राह दिखाई जाएगी।

जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय, नया रायपुर द्वारा मुख्य सचिव विवेक ढांढ के आदेशानुसार समस्त कलेेक्टरों एवं विभागाध्यक्षों को पत्र प्रेषित कर यह जानकारी तलब की गई है। दरअसल राज्य शासन द्वारा लिये गए निर्णयानुसार प्रतिवर्ष 1 जनवरी तथा 1 जुलाई की स्थिति में 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शासकीय सेवकों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में मूलभूत नियम 56 तथा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के नियम 42 के अधीन उनके सेवा अभिलेखों की छानबीन समिति द्वारा की जाकर समीक्षा की जानी है। साथ ही पालन प्रतिवेदन सामान्य प्रशासन विभाग को अनिवार्य रूप से प्रेषित करना है।

इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के संदर्भित परिपत्र दिनांक 25 अप्रैल 2017 द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये गए हैं एवं उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन करने हेतु संंदर्भित अर्द्धशासकीय पत्र द्वारा भी सभी विभागों को लिखा गया है।

उपरोक्त निर्देशों के अनुपालन में 1 जुलाई की स्थिति में अर्ह शासकीय सेवकों की छानबीन की कार्यवाही 15 जुलाई तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कर उसका पालन प्रतिवेदन 5 अगस्त तक सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित करना है। इस निर्देश के परिपालन में कोरबा जिले के भी 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों के सेवा अभिलेखों की छानबीन की कार्रवाई शुरू की जा रही है। तमाम प्रक्रियाओं के बाद मुख्य सचिव के द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी।

अनफिट व लापरवाह कर्मियों की भी बनेगी कुण्डली

सूत्रों के मुताबिक 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शासकीय सेवकों के सेवा अभिलेखों की छानबीन तो की जानी है, इनके अतिरिक्त अन्यान्य कारणों से नौकरी हेतु अनफिट एवं बार-बार शिकायत व लापरवाही बरतने, काम नहीं करने वाले कर्मचारियों की भी कुण्डली तैयार की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि कई विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के संबंध में अनेक शिकायतें लंबित रही हैं अथवा उनके द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने की बातें बार-बार प्रशासन व शासन स्तर तक पहुंचायी जाती रही हैं। ऐसे लोगों को भी उनके अभिलेखों की छानबीन व समीक्षा पश्चात तीन माह का अग्रिम वेतन देते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी।


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