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बच्चों के कैंसर न्यूरोब्लास्टोमा के इलाज में नई दवा की पहचान

ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी दवा की पहचान की है जो बच्चों के जानलेवा कैंसर न्यूरोब्लास्टोमा का इलाज करने में सक्षम है। कैंसर के इलाज में आ रही रुकावटों को बखूबी दूर करती है।

बच्चों के कैंसर न्यूरोब्लास्टोमा के इलाज में नई दवा की पहचान
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ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने खोजी दवा, कीमोथेरेपी-रेसिस्टेंट न्यूरोब्लास्टोमा में असरदार

  • रोमिडेप्सिन दवा से बच्चों के कैंसर इलाज में नई उम्मीद
  • साइंस एडवांसेज में प्रकाशित शोध: न्यूरोब्लास्टोमा ट्यूमर की ग्रोथ रोकने में सफल कॉम्बिनेशन

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी दवा की पहचान की है जो बच्चों के जानलेवा कैंसर न्यूरोब्लास्टोमा का इलाज करने में सक्षम है। कैंसर के इलाज में आ रही रुकावटों को बखूबी दूर करती है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस खोज से न्यूरोब्लास्टोमा के इलाज में सुधार हो सकता है। यह बच्चों में दिमाग के बाहर होने वाला सबसे आम ठोस ट्यूमर है, जो अभी 10 में से 9 मरीजों पर दोबारा अटैक कर रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया के गारवन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, दवा का कॉम्बिनेशन इन ट्यूमर के बनने वाले सेलुलर डिफेंस (प्रतिरक्षा प्रणाली कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर उन्हें नष्ट कर देती) को बायपास कर सकता है जिससे दोबारा बीमारी होती है।

टीम ने दिखाया कि मंजूर की गई लिम्फोमा दवा—रोमिडेप्सिन—बच्चों में कीमोथेरेपी-रेसिस्टेंट (कैंसर की कोशिकाएं कीमोथेरेपी की दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया करना बंद कर देती हैं) मामलों को बेहतर बनाने के लिए अवरुद्ध (ब्लॉक्ड) रास्तों को बायपास करते हुए, दूसरे रास्तों से न्यूरोब्लास्टोमा सेल को खत्म करने का काम करती है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि कीमोथेरेपी की मानक दवाएं सेल डेथ के लिए जेएनके पाथवे "स्विच" पर निर्भर करती हैं। दोबारा हुए ट्यूमर में, यह स्विच अक्सर काम करना बंद कर देता है, जिसका मतलब है कि इलाज अब असरदार नहीं है।

जानवरों के मॉडल में किए गए नतीजों से पता चला कि स्टैंडर्ड कीमोथेरेपी के साथ रोमिडेप्सिन दूसरे सेल-डेथ पाथवे के जरिए ट्यूमर की ग्रोथ को रोकता है और रेसिस्टेंट मामलों में आम तौर पर ब्लॉक्ड जेएनके पाथवे को बायपास करता है।

साइंस एडवांसेज में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इस कॉम्बो ने ट्यूमर की ग्रोथ कम की, बचने की संभावना बढ़ाई और कीमो डोज कम करने में मदद की, जिससे छोटे बच्चों में साइड इफेक्ट कम हो सकते हैं।

गारवन इंस्टीट्यूट के एसोसिएट प्रोफेसर डेविड क्राउचर ने कहा, "फिर से होने वाले हाई-रिस्क न्यूरोब्लास्टोमा के प्रतिरोध हालत को दूर करने का तरीका खोजना मेरी लैब का एक बड़ा लक्ष्य रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "ये ट्यूमर कीमोथेरेपी से भी कभी-कभी ट्रीट नहीं होते हैं—और जब मरीज उस पॉइंट पर पहुंच जाते हैं तो आंकड़े परिवारों के लिए बहुत बुरे होते हैं।"

रोमिडेप्सिन को पहले ही दूसरे कैंसर में इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल चुकी है और बच्चों में इसकी सेफ्टी के लिए टेस्ट किया जा चुका है, जिससे न्यूरोब्लास्टोमा के लिए एक नए इलाज के ऑप्शन के तौर पर दवा के डेवलपमेंट में तेजी आ सकती है।

हालांकि, क्राउचर ने कहा कि किसी भी क्लिनिकल एप्लीकेशन के लिए न्यूरोब्लास्टोमा में कॉम्बिनेशन की सेफ्टी और असर साबित करने के लिए ज्यादा परीक्षण और क्लिनिकल ट्रायल की जरूरत होती है।


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