स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को वापस लाएं स्कूल
सरकार द्वारा शतप्रतिशत बच्चों को स्कूल लाने के लिए बहुत प्रयास किया जा रहा है
बिलासपुर। सरकार द्वारा शतप्रतिशत बच्चों को स्कूल लाने के लिए बहुत प्रयास किया जा रहा है। जो बच्चे स्कूल बीच में ही छोड़ देते हैं उन पर विशेष ध्यान देना होगा। नगरीय प्रशासन, उद्योग एवं वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने आज मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण योजनान्तर्गत शिक्षकों को पुरस्कृत करते हुए उक्त बातें कही।
सिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल स्तर के संभाग के 3 श्रेष्ठ शिक्षकों को ÓÓशिक्षा श्रीÓÓ पुरस्कार, माध्यमिक स्तर के जिले के 3 श्रेश्ठ शिक्षकों को ज्ञानदीप पुरस्कार और प्राथमिक स्तर के 21 शिक्षकों को ÓÓशिक्षा दूतÓÓ पुरूस्कार से अलंकृत किया गया। इस अवसर पर श्री अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षकों के सम्मान करना एक सुखद क्षण है। शिक्षक भावी पीढ़ी के निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दें। हमारे देष में शिक्षा के प्रति जागरूकता व राईट टू एज्यूकेशन लागू होने से अब 99 प्रतिशत बच्चे स्कूल आने लगे हैं। लेकिन उच्च षिक्षा तक 20 प्रतिशत बच्चे ही पहुंचते हैं। यह बच्चों के ड्राप आउट के कारण हो रहा है। शिक्षक, जनप्रतिनिधि हम सब मिलकर इस बात का प्रयत्न करें कि ड्राप आउट का प्रतिशत कैसे कम हो। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता के लिए एक अच्छी शुरूआत हुई है और गुणवत्ता को अपग्रेड करने के लिए यह कार्यक्रम एक कड़ी है।
संभागायुक्त टी.सी. महावर ने कहा कि पुराने समय में शिक्षा के लिए इतने साधन और तकनीक नहीं थे, फिर भी शिक्षा गुणवत्तापूर्ण होती थी। शिक्षा की बुनियाद कमजोर पड़ी है, यह चिन्ता का विषय है। बुनियादी शिक्षा सबसे जरूरी है। इसके बिना शिक्षा संस्कार विहीन रह जायेगी, जो किसी मतलब का नहीं होता। उन्होंने कहा कि जीवन में व्यवहारिक शिक्षा भी जरूरी है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि षिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने की चिन्ता करें। गुणवत्ता सुधारने शासन सिद्दत से प्रयासरत् हैं। कलेक्टर पी. दयानंद ने कहा कि शिक्षा, गुणवत्ता की दृश्टि से शिक्षकों को प्रोत्साहित करने की यह अभिनव योजना है। जो षिक्षक यहां सम्मान प्राप्त कर रहे हैं, वे अन्य शिक्षकों को प्रेरित करेंगे। हर विषय के शिक्षक शतप्रतिशत प्रयास करें।
शिक्षकों को पुरस्कार वितरित -
कार्यक्रम में बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखण्ड अंतर्गत शा.उ.मा. वि. दर्रीघाट के व्याख्याता पार्थ सारथी भट्टाचार्य, कोरबा जिले के शास.हाईस्कूल बलगीखार के व्याख्याता श्रीमती ललिता साहू, रायगढ़ जिले के शास.उ.मा.शा. टारपाली के व्या.पंचा. श्रीमती रंजीतकौर घई को 'शिक्षा श्री' पुरस्कार दिया गया।
माध्यमिक विद्यालय के देवानंद बंजारे शिक्षक पंचायत पू.मा.शा.नवागांव (मचखंडा), रघुवंश मिश्रा उच्च वर्ग शिक्षक पू.मा.शा.टेंगनमाड़ा, दशरथ लाल निर्मलकर प्रधान पाठक शा.पूर्व.मा.शाला दर्री को 'ज्ञानदीप' पुरस्कार दिया गया। इसी तरह 'शिक्षादूत' पुरस्कार चन्द्र कुमार महिलांगे, प्रा.शा. नवगवां, मोजय शंकर पटेल प्रा.शा.धौरामुड़ा, अनिल कुमार प्रा.शा. सेंदरी, कु. नेहा पैगवार प्रा.शा.लावर, नेतराम बैगा प्रा.श. कारीछापर, हितेष कुमार देवांगन प्रा.श. मुकुंदपुर, संतोश कुमार यादव, प्रा.शा. साजापाली, रोशन दुबे प्रा.श.ा.लारीपारा, विरेन्द्र कुमार साहू प्रा.शा. तेदुवा, सुभाश देवांगन प्रा.शा. पकरिया, श्रीमती मंजु ठाकुर प्रा.षा. राजाकापा, श्रीमती नूतन उपाध्याय प्रा.शा. कन्या तखतपुर, मोहित लाल सोनवानी प्रा.शा. खचरवारपारा बचरवार, कन्हैयालाल सेानवानी प्रा.शा. करौदानार, विकास अग्रहरि प्रा.शा. जोरातालाब, तीरथ प्रसाद गुप्ता प्रा.शा. भसर्राटोला, रामकृष्ण शंकर नामदेव प्रा.शा. कटेलटोला, श्रीमती रेखा सोनी प्रा.शा. बा.तरईगांव, श्रीमती किशोरी देवी प्रा.शा.बा.कुम्हारी, कृष्ण कांत कोसरिया प्रा.षा. देवर्रीडांड, कृष्ण कांत कोसरिया प्रा.शा. देवर्रीडांड, दीप सिंह मार्कों प्रा.शा. मेढुका को 'शिक्षादूत' पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त बोर्ड परीक्षाओं में शतप्रतिशत परिणाम लाने वाले स्कूलों के 419 शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी सम्मानित किया गया।


