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जर्जर सड़कों से स्कूली बच्चे सबसे ज्यादा परेशान

शहर की जर्जर सड़कों की वजह से इन दिनों स्कूली बच्चों के साथ-साथ उनके पालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा

जर्जर सड़कों से स्कूली बच्चे सबसे ज्यादा परेशान
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आए दिन हो रही छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं
रायगढ़। शहर की जर्जर सड़कों की वजह से इन दिनों स्कूली बच्चों के साथ-साथ उनके पालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां गड्डों में भरे पानी की वजह से स्कूली बच्चों के डे्रस खराब हो रहे हैं वहीं इस गड्डों की वजह से लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। नगर निगम द्वारा यह सड़क साल भर पहले ठेकेदार के माध्यम से लाखों रूपए खर्च करके बनवाई गई थी और ठेकेदार ने इसे कमीशनखोरी के चलते इतनी घटिया बनाई कि मात्र 6 माह के भीतर ही यह सड़क गायब हो गई है।

एक लंबे अर्से से रायगढ़ जिले की सड़कों की दुर्दशा किसी से छिपी नही है। इन्हीं जर्जर सड़कों की वजह से कई लोग काल में गाल में समा चुके हैं। मगर 14 साल बेमिशाल का राग अलापने वाली सरकार को इन सब से कोई लेना देना नही है। हालात अब यहां तक पहुंच चुके हैं कि सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ते जा रहा है। अभी बरसात के दिनों में खासकर स्कूली बच्चों के साथ-साथ उनके पालकों को भी इन जर्जर सड़कों की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ राह है। स्कूली बच्चों के परिजनों का कहना था कि बच्चों को स्कूल पहुंचाने जने के दौरान अक्सर सड़कों में बने बड़े-बड़े गड्ढों से भारी वाहन या हल्का चार पहिया वाहन गुजरने के दौरान स्कूली बच्चों के यूनिफार्म खराब हो ही रहे हैं। साथ ही साथ सड़कों के गड्ढो में भरे होनें की स्थिति में पता नही चल पाता कि सड़क में गड्ढे है या गड्ढे में सड़क, नतीजन आए दिन शहरवासी इन गड्ढो की वजह से गिरकर चोटिल हो रहे हैं।

बावजूद इसके सड़कों को न तो सुधारा जा रहा है और न ही इस मामले में विधायक व सांसद गंभीर नजर आते हैं। बरसात के दिनों में जानलेवा सड़क के गड्ढे रोजाना राह चलने वाले लोगों के लिए एक बेहद खतरनाक रूख लेते जा रहे हैं।

शहरवासियों का यह भी कहना था कि चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आते जा रही है, वैसे-वैसे सालों से कुंभकर्णी नींद में गफिल हमारे जनप्रतिनिधी अब नींद से जागते हुए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगे हैं। लोक लुभावने वादों का दौर शुरू हो चुका है मगर कई सालों से जर्जर सड़कों की हालत आज की स्थिति से बद से बदतर हो चुकी है।
जीर्णोद्धार की उठ रही मांग
कोतरा रोड क्रॉसिंग के पहले की सड़क हुई जर्जर। 1 दिन की बरसात में इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं कि यदि एक इंसान इस में गिरता है तो वह घुटने तक डूब जाएगा । आप सब को बताना चाहेंगे कि इस रोड से ही बहुत सारे कर्मचारी, शिक्षक ,शिक्षिकाएं और आम जनता आना-जाना करती है । यहां से ट्रकों का आवागमन नियमित रूप से होता है । ऐसे में ही आज यह नजारा देखने को मिला जब एक दिन की बरसात और साथ ही इन भारी वाहनों के कारण सड़क पर हुए गड्ढों का पता शनिवार को यहां से गुजरे नागरिकों के अनुमान से परे थाऔर जब वे वहां से निकल रहे हैं तो पानी से भरे उन गड्ढों मे गिर रहे हैं यह स्थिति बहुत ही गंभीर है और और कोई भी बड़ी दुर्घटना किसी भी समय हो सकती है। क्या एक आम नागरिक की मौत हो जाने पर ही कोई कार्रवाई हो पाएगी। जहां महत्वपूर्ण व्यक्तियों के आने से एक ही दिन में सड़क रातों रात में बनकर तैयार हो जाती है, वही क्या आम जनता की परेशानियां कोई क्यों नहीं देख रहा है। चलिए साथियों देखते हैं कौन शहीद होता है और किस की शहादत के बाद इस सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ हो पाएगा । शासन-प्रशासन की लापरवाही का एक और उदाहरण है बरमूडा से आगे से आगे बनाई जाए रही निर्माणाधीन सड़क । इसके कारण आम जनता को डायवर्सन मार्ग से होकर गुजरना पड़ रहा है और यह मार्ग की बरसात में भयंकर कीचक और गड्डो से भर गया है ।
जब वहां की सड़क बन गई है तो क्या बीच में उस सड़क को जोड़ा नहीं जा सकता या फिर यहाँ पर भी किसी मौत का इन्तजार हो रहा है।


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