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स्कूल बना शराबखोरों का अड्डा

प्रदेश सरकार के द्वारा एक अप्रेल से पूरे प्रदेश मे कोचियो पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करते हुये सरकार ने खुद शराब बिक्री का फैसला कर शराब बिक्री कर रही है

स्कूल बना शराबखोरों का अड्डा
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रतनपुर। प्रदेश सरकार के द्वारा एक अप्रेल से पूरे प्रदेश मे कोचियो पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करते हुये सरकार ने खुद शराब बिक्री का फैसला कर शराब बिक्री कर रही है, लेकिन रतनपुर नगर के हृदय स्थल भीम चौक बालक प्राथमिक शाला को शराबियों ने अपना अड्डा बना लिया है और जमकर शराब खोरी की जा रही है पास ही एक कोचिया द्वारा खुलेआम अवैध शराब की बिक्री की जा रही है। यह सब कुछ नगर के अंदर होते हुये भी रतनपुर पुलिस मौन बैठी है जब की रतनपुर थाना अवैध शराब बिक्री से चंद कदम की दूरी पर है। ऐसे में पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार का कोई कार्रवाई नही करना कई सवालों को जन्म देती है।

महामाया की धार्मिक नगरी रतनपुर घोषित होने के साथ-साथ यह पर्यटन क्षेत्र भी घोषित है। इस पावन नगरी को लहुरी काशी के नाम से भी जाना है ! रतनपुर प्राचिन राजधानी भी यह रह चुकी है। जहां कई देवी देवताओ की मंदिर आज भी प्रमाण के रूप में है। उस नगरी की हाल आज बद से बदतर होती जा रही हैं। आज इस नगरी की ओर कोई ध्यान नही दे रहा है। यह नगर इन दिनो असमाजिक तत्वो का अड्डा बन कर रह गया है जहां शाम ढलते ही इनका मजमा लगना शुरू हो जाता है। नगर के भीम चौक में बालक प्राथमिक शाला स्थित है जहां पर पहली से कक्षा पांचवी तक के बच्चे पढ़ाई करते हैं।

इस विद्यालय को असमाजिक तत्वो ने अपना अड्डा बना रखा है। शाम ढलते ही स्कूल की ताला तोड़कर शराब पी रहे हैं। महिना में लगातार कई बार ताला टुट ने से स्कूल के टीचर और बच्चे परेशान हैं। सुबह स्कूल खुलने समय रोज उन्हे शराब की खाली शीशी, डिस्पोजर, चखना से भरी हुई कागज दोना उठाना पड़ रहा है, जिससे स्कूल के टीचर और बच्चे परेशान है। बच्चों के पालकों का कहना है की स्कूल के पास मे कोचिया अवैध शराब बिक्री खुलेआम कर रहा है मगर रतनपुर पुलिस कोई ध्यान इस ओर नही दे रही है जिसके चलते उसका हौसला बुलंद है !

जब की इस अवैध शराब बिक्री केंद्र से चंद कदम की दूरी पर रतनपुर थाना स्थित है। ऐसे में लोग कोचिया और पुलिस की मिलीभगत से अवैध शराब बिक्री की बात कह रहे हैं। स्कूल की ताला तोड़ कर डंके की चोट पर असमाजिक तत्व के लोग स्कूल परिसर में शराब पी रहे है जिससे स्कूल टीचर परेशान हैं। महीने में उन्हे कई बार ताला खरीदना पड़ रहा है। एक ताले की कीमत सौ से डेढ़ सौ रूपये के करीब बताई जा रही है। रहवासियो का कहना है कि जब एक अप्रेल से सरकार ने कोचियो पर प्रतिबंध लगाते हुये शराब बिक्री शुरू कर दी है ।
सके बावजूद नगर मे खुलेआम अवैध शराब की बिक्री होना सब की समझ से परे है ।


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