Top
Begin typing your search above and press return to search.

प्रभु की तृप्ति समर्पण से : चित्रलेखा

कथा के द्वितीय दिवस में प्रवेश कराते हुए देवी चित्रलेखा ने विधुर विधुरानी का प्रसंग कहते हुए बताया की प्रभु भाव के भूखे हैं।

प्रभु की तृप्ति समर्पण से : चित्रलेखा
X

रायपुर। कथा के द्वितीय दिवस में प्रवेश कराते हुए देवी चित्रलेखा ने विधुर विधुरानी का प्रसंग कहते हुए बताया की प्रभु भाव के भूखे हैं। उनकी तृप्ति थाली में परोसे गए व्यञ्जनों से नहीं भक्त के समर्पण से होती है। इसीलिए भगवान् कौरव के बुलावे को अस्वीकृत कर के भक्त विधुर विधुरानी के घर केले के छिलके खाने को चले गए।

सनातन धर्म सत्संग समिति के कन्हैया अग्रवाल, अनिल अग्रवाल और मनीष चौधरी उक्ताशय की जानकारी देते हुए बताया कि समिति द्वारा साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित श्रीमद् भागवत गीता का श्रवण कराते हुए देवी चित्रलेखा ने कहा की भगवान् के कपिल भगवान् अवतार से अपनी ही माता देवहुति को सांख्य योग का वर्णन श्रवण कराया कहा कि भगवान् कपिल कहते है ये जीवन मात्र प्रभु का दिया हुआ है इसे प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए।

जीव प्रभु कृपा से जन्म लेता है और फिर अपने जीवन के नित्य कार्यों, खुशियों, और दु:ख के चक्कर में पड़ कर प्रभु को भूल जाता है भूल जाता है की इस जीवन का थोडा सा वक़्त भगवान के धन्यवाद में भी लगाना है। बताया कि उम्र बढ़ते बढ़ते मनुष्य को भगवान् की ओर रुख कर लेना चाहिए अन्यथा एक समय जीवन के अंत में प्रभु का नाम लेना भी संभव नहीं हो पाता।

आदि आदि वर्णन कराया तो माता देवहुति को सच्चा ज्ञान हो गया और योग का श्रवण करते हुए माता देवहुति ने सिद्धिधा नामक नदी में अपने मानसिक शरीर का संकल्प कर दिया और आगे कथा प्रसंगों में हिरण्याक्ष का वध व हिरण्यकशिपु की कथा, सति चरित्र, ध्रुव चरित्र, ध्रुव जी के वंश का निरूपण व खगोल विज्ञान का वर्णन आदि आदि कथाओ का श्रवण कराते पूज्या गौ माता की दुर्दशा को कहा की हमारी माता की स्थिति बहुत ख़राब हो चुकी है

जिसका कारण हम स्वयं हैं हमें गौ माता के उसी दर्जे को जो द्वापरयुग में भगवान् कृष्ण के समय में था, दिलाने के लिए प्रयास करना चाहिए। और कथा के द्वितीय दिवस को नाम संकीर्तन के साथ विश्राम दिया गया।
समिति के अमर बंसल अमित अग्रवाल मानसी स्वाईं नीलकंठ त्रिपाठी ने भक्तजनो से निवेदन किया कि दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक चलने वाली कथा में समय से आकर स्थान ग्रहण करे। कथा का सीधा प्रसारण आस्था चैनल पर किया जा रहा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it