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बिहार में राहुल गांधी की यात्रा का असर बरकरार : अशोक गहलोत

बिहार विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि बिहार में राहुल गांधी की 'यात्रा' का असर आज भी महसूस किया जा सकता है

बिहार में राहुल गांधी की यात्रा का असर बरकरार : अशोक गहलोत
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तेजस्वी यादव नीतीश से दोगुना लोकप्रिय, चुनाव महागठबंधन के पक्ष में: गहलोत

  • गहलोत का दावा- एनडीए का अभियान भ्रम और दिखावे पर आधारित
  • घोषणापत्र में नीतीश की भूमिका पर सवाल, कांग्रेस ने उठाए गंभीर मुद्दे
  • बिहार चुनाव में महागठबंधन मजबूत, राहुल की यात्रा ने बदला माहौल: अशोक गहलोत

जयपुर। बिहार विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि बिहार में राहुल गांधी की 'यात्रा' का असर आज भी महसूस किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण के अनुसार तेजस्वी यादव सीएम चेहरे के तौर पर नीतीश कुमार से दोगुने लोकप्रिय हैं और प्रशांत किशोर से भी आगे हैं। वहां चुनाव बहुत प्रभावी ढंग से लड़ा जा रहा है।

बिहार विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत का कहना है कि आज बिहार में माहौल महागठबंधन के पक्ष में है। नीतीश कुमार कभी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे और आज उनकी स्थिति ऐसी है कि भाजपा उनके चेहरे का इस्तेमाल जनता को भ्रमित करने के लिए वोट पाने के लिए कर रही है। इसीलिए कल घोषणापत्र लॉन्च के समय नीतीश कुमार केवल 26 सेकंड के लिए रुके और चले गए।

राजस्थान अंता उपचुनाव पर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि अंता उपचुनाव अच्छा होगा, और हमारा उम्मीदवार मजबूत है।

विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर ईसीआई की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक दलों से परामर्श करना चाहिए था, चर्चा करनी चाहिए थी और उनका सहयोग लेना चाहिए था। 20 साल पहले भी, जब एसआईआर आयोजित किया गया था, तो प्रक्रिया सुचारू रूप से हुई थी, कोई आरोप नहीं लगाया गया था, न ही कोई संदेह पैदा हुआ था। लेकिन इस बार, उन्होंने एकतरफा दृष्टिकोण अपनाया है।

गहलोत ने सम्राट चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि 50 हजार करोड़ के निवेश की बात करना सिर्फ एक कल्पना है। क्या कोई एमओयू साइन हुआ है? यह आंकड़ा हवा में उछाला गया है ताकि जनता को भ्रमित किया जा सके। उन्होंने कहा कि एनडीए का पूरा अभियान झूठ और दिखावे पर आधारित है।

गहलोत ने सवाल उठाया कि जब चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है, तो आखिर मेनिफेस्टो जारी करने की जिम्मेदारी उन्हें क्यों नहीं दी गई? क्या वह अब ऐसी स्थिति में नहीं हैं कि जनता के सामने आकर घोषणापत्र पढ़ सकें?

महागठबंधन के वादों को लेकर गहलोत ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव जीतने के बाद मेनिफेस्टो को सबसे पहले कैबिनेट में मंजूरी दिलाएगी। उन्होंने कहा कि हम जो वादे जनता से करते हैं, उन्हें निभाएंगे और यही हमारी राजनीति की पहचान है।

वहीं, इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को लेकर गहलोत ने कहा कि हम दोनों को नमन करते हैं।


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