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चिदंबरम स्पष्ट करें कि कौन-सा दबाव था, जिसने राष्ट्रहित को प्रभावित किया: अरुण चतुर्वेदी

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के हालिया खुलासे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार किया है

चिदंबरम स्पष्ट करें कि कौन-सा दबाव था, जिसने राष्ट्रहित को प्रभावित किया: अरुण चतुर्वेदी
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चिदंबरम के खुलासे पर भाजपा का पलटवार : अरुण चतुर्वेदी ने उठाए सवाल

  • अरुण चतुर्वेदी बोले: चिदंबरम बताएं कौन-सा दबाव था जो राष्ट्रहित पर भारी पड़ा
  • 26/11 पर चिदंबरम के बयान को लेकर भाजपा ने मांगा स्पष्टीकरण
  • चतुर्वेदी ने कांग्रेस, राहुल गांधी और चिदंबरम पर साधा निशाना

उदयपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के हालिया खुलासे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार किया है। वित्त आयोग के चेयरमैन अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि चिदंबरम को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर वह कौन-सा दबाव था, जिसने राष्ट्रहित को प्रभावित किया।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब देश में एक के बाद एक सिलसिलेवार बम धमाके हो रहे थे, तब सरकार पाकिस्तान को सिर्फ डोजियर भेजने तक सीमित क्यों रही। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि चिदंबरम को सामने आकर बताना चाहिए कि कौन-सा दबाव था, जिसे आज तक छुपाया गया।

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा था कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के बाद यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई न करने का फैसला लिया था।

चतुर्वेदी ने राजस्थान के विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पद संचलन को लेकर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान का केंद्र है और यहां हर विचारधारा, महापुरुष और संगठन पर चर्चा करने का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि आरएसएस ने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं और आज भी राष्ट्र की सेवा में समर्पित है। विद्यार्थी महापुरुषों और राष्ट्र जागरण में योगदान देने वाले संगठनों के बारे में जानने का अधिकार रखते हैं।”

चतुर्वेदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर विदेश दौरे को लेकर तंज किया। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पॉलिटिकल वेकेशन पर विदेश जाते हैं। वे केवल मनोरंजन के लिए देश में आते हैं। इस दौरान देश में कभी पद यात्रा का इवेंट बन जाता है तो कभी वोट चोरी के नाम पर कुछ कार्यक्रम करते हैं। उनके लिए देश और देश की राजनीति कभी प्राथमिकता का विषय नहीं रहे, इसलिए देश के मतदाता और नागरिकों की चिंता करना भी उनका विषय है।


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