रेलवे का नहीं होगा निजीकरण, पीपीपी की योजना : गोयल
सरकार ने बुधवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि रेलवे के निजीकरण की उसकी कोई योजना नहीं है,

नयी दिल्ली। सरकार ने बुधवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि रेलवे के निजीकरण की उसकी कोई योजना नहीं है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उसे बेहतर बनाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) पर विचार किया जा रहा है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में रेलवे के निजीकरण के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, “भारतीय रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं है।” उन्होंने बताया कि 2018 से 2030 तक रेलवे के बुनियादी ढाँचे पर 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है। इस निवेश के लिए पीपीपी के इस्तेमाल की योजना बनायी जा रही है। इसके तहत नेटवर्क का तेज विकास, चल संपत्ति का विनिर्माण और यात्री तथा मालवहन सेवा प्रदान करने की योजना है।
श्री गोयल ने यह भी कहा कि पीपीपी के तहत चुनिंदा मार्गों पर यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा वाली ट्रेनों के परिचालन के लिए आधुनिक डिब्बे लाने के कुछ प्रस्ताव हैं।हालाँकि इन मामलों में भी ट्रेनों का परिचालन और सुरक्षा प्रमाणन भारतीय रेलवे के पास ही रहेगा।
उन्होंने बताया कि रेलवे की कमाई 2017-18 में 1,78,929.64 करोड़ रुपये थी जो 2018-19 में बढ़कर 1,84,780.30 करोड़ रुपये पर पहुँच गयी। इस दौरान राजस्व व्यय 1,77,264.03 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,86,733.51 करोड़ रुपये पर और पूँजीगत व्यय 2,79,249.50 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,20,110.17 करोड़ रुपये पर पहुँच गया।


