Top
Begin typing your search above and press return to search.

कांग्रेस को खड़ा करना ही राहुल की सही अग्निपरीक्षा

 सीढ़ी दर सीढ़ी घटाव की ओर जा रही कांग्रेस का अध्यक्ष बनने जा रहे राहुल गांधी की सही मायने में अग्निपरीक्षा अब शुुरु होगी क्योंकि कांग्रेस को अपने पैरों पर खड़ा करना उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है

कांग्रेस को खड़ा करना ही राहुल की सही अग्निपरीक्षा
X

लखनऊ। सीढ़ी दर सीढ़ी घटाव की ओर जा रही कांग्रेस का अध्यक्ष बनने जा रहे राहुल गांधी की सही मायने में अग्निपरीक्षा अब शुुरु होगी क्योंकि कांग्रेस को अपने पैरों पर खड़ा करना उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है।

इस चुनाैती पर खरा उतरने के लिए उन्हें राजनीतिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को हर हाल में मजबूत करना होगा। वर्ष 1989 से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सत्ता से बाहर है। तमाम कोशिशों के बावजूद देश में करीब साठ वर्षों तक सत्ता में रही कांग्रेस उत्तर प्रदेश में उबर नहीं पा रही है।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इस राज्य से उसे मात्र दो सीटें मिलीं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली और राहुल गांधी अमेठी ही जीत सके। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। इन दोनो के अलावा कांग्रेस सभी सीटें हार गयी थी। वर्ष 2009 में कांग्रेस को इस राज्य से लोकसभा की नौ सीटें हासिल हुई थी।

कांग्रेस का यही आलम विधानसभा चुनाव में भी था। लम्बे समय तक उत्तर प्रदेश की बागडोर संभालने वाली कांग्रेस इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में मात्र सात सीटें पा सकी। हालांकि, कुल 403 क्षेत्रों वाली विधानसभा की 105 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे थे,शेष सीटों पर समाजवादी पार्टी(सपा) को समर्थन दे दिया था।

वर्ष 2012 में उसके 28 विधायक चुने गये थे। कांग्रेस की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार कम होता गया और मत प्रतिशत भी घटा। हाल ही में सम्पन्न नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन सन्तोषजनक नहीं रहा। अमेठी में भी वह हार गयी।

सूबे में समय-दर-समय दरक रही कांग्रेस को संभालना राहुल गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह कहा जाता है कि “दिल्ली पहुंचने का रास्ता लखनऊ होकर ही जाता है।”

वयोवृद्ध कांग्रेसी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजदेव मिश्र कहते हैं कि राहुल गांधी को पार्टी युवाओं के पास ले जानी होगी। नयी पीढ़ी को जोड़े बगैर कांग्रेस का उत्थान सम्भव नहीं है।

उम्र के अन्तिम पड़ाव पर पहुंचे श्री मिश्र कांग्रेस को एक बार फिर ऊंचाइयों पर देखना चाहते हैं। वह कहते हैं कि कांग्रेस युवाओं को अपने से जोड़ नहीं पा रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस की प्रतिद्वंद्वी और सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने छात्रों एवं युवाओं को अपने से जोड़ने के लिए दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर “मेधावी छात्र प्रतियोगी परीक्षा” आयोजित की थी। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों से सिर्फ दीन दयाल उपाध्याय के बारे में ही सवाल पूछे गये थे। परीक्षाओं में कक्षा आठ तक के बच्चों को शामिल किया गया था।

उनका कहना था कि इस तरह जूनियर क्लास के बच्चों में अपनी विचारधारा पिरोने की कोशिश की। भाजपा इसमें कितना सफल रही कितना नहीं यह अलग की बात है, लेकिन परीक्षा में शामिल होने वालों में से यदि दस फीसदी भी विचारधारा से जुड़ गये तो कुछ न कुछ हासिल ही होगा।

उन्होंने कहा कि इससे इतर राज्य में कांग्रेस के राष्ट्रीय छात्र संगठन और युवक कांग्रेस की गतिविधियां ठप पड़ गयी है। श्री गांधी यदि अपने इन दोनो संगठनों को सक्रिय कर छात्र-छात्राओं और युवाओं को जोड़ने में सफल रहे तभी इस राज्य में कांग्रेस को कुछ हासिल हो सकेगा। जानकार मानते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ऊंचाइयों पर नहीं पहुंचती तो देश में खोया जनाधार वापस लाना मुश्किल होगा। राहुल गांधी के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it