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आरएसएस से लड़ने को एकजुट हो जाएं : राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के हालिया विवादित बयान पर उनका बचाव किया और पार्टी के सदस्यों को एकजुट होकर वैचारिक जंग में आरएसएस का मुकाबला करने को कहा

आरएसएस से लड़ने को एकजुट हो जाएं : राहुल गांधी
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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के हालिया विवादित बयान पर उनका बचाव किया और पार्टी के सदस्यों को एकजुट होकर वैचारिक जंग में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुकाबला करने को कहा। खुर्शीद पिछले सप्ताह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक सवाल के जवाब में 'कांग्रेसियों के हाथों पर मुस्लिमों के खून के धब्बे' होने की बात कहकर विवाद में फंस गए थे।

राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला और कहा कि इस पार्टी में सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विचारों का दबदबा बना हुआ है। पार्टी में किसी और का कुछ नहीं चलता, क्योंकि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं, सिर्फ दिखावा है। कांग्रेस में ऐसा नहीं है, यहां हर तरह के विचारों का सम्मान किया जाता है।

दिल्ली के रामलीला मैदान में जन-आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, "यह पार्टी (कांग्रेस) देश की पार्टी है और इसमें नेता का अभाव नहीं है। हर व्यक्ति के पास अपना सामथ्र्य है। लेकिन कभी-कभी हमारी पार्टी में भिन्न-भिन्न विचार सामने आते रहते हैं।"

उन्होंने कहा, "मैं सलमान खुर्शीद जी का उदाहरण देना चाहता हूं जो यहां बैठे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कुछ अलग राय दी और मैं इस मंच से स्वीकार करने को तैयार हूं कि हमारी पार्टी में भिन्न-भिन्न मत हो सकते हैं और मैं अपनी पार्टी में अगल-अलग विचार को पनपने की अनुमति दूंगा, लेकिन हम एकजुट रहेंगे।"

खुर्शीद का बचाव करते हुए राहुल ने कहा, "मैं एक बात कहना चाहता हूं कि जब पार्टी गलत विचारों के खिलाफ जंग लड़ रही है, जब पार्टी आरएसएस के खिलाफ लड़ रही है तो हमें एकजुट होकर मुकाबला करना होगा। हमें स्नेह के साथ अपनी लड़ाई लड़नी होगी।"

उन्होंने कहा, "भाजपा अध्यक्ष (अमित शाह) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंच से ऐसी बात कभी नहीं कह सकते, क्योंकि उनकी पार्टी में एक ही विचार को जगह मिलेगी, एक ही अभिमत को स्वीकार किया जाएगा और वह अमित शाह और मोदी का अभिमत है। बड़े-बुजुर्गो की वहां कोई इज्जत नहीं है।"

राहुल ने आगे कहा, "उनकी पार्टी में न तो (केंद्रीय वित्तमंत्री) अरुण जेटली को सम्मान मिलता है और न ही (भाजपा के अनुभवी नेता लालकृष्ण) आडवाणी जी को। यहां तक कि उनके मुख्यमंत्रियों को भी सम्मान नहीं मिलता। पार्टी में सिर्फ मोदी और अमित शाह को सम्मान मिलता है।"

उन्होंने कहा, "उनमें और हममें यही फर्क है।"

राहुल ने कहा कि कई देशों ने दूसरे देशों पर हमले किए, मगर भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जिसने विगत 3000 साल में किसी दूसरे देश पर आक्रमण नहीं किया। इसका करण यह है कि "भिन्न-भिन्न मतों व अभिमतों को सम्मान करना हमारे देश के डीएनए में है। पूरा देश हमारे साथ खड़ा है।"

उन्होंने कहा, "कार्यकर्ता 80 या 90 साल के हो सकते हैं तो नेता भी इतनी उम्र के हो सकते हैं। कार्यकर्ता 18 साल के भी हो सकते हैं। एक तरफ युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाना और बुजुर्गो का सम्मान, हमारी पार्टी में यह समन्वय है। अगर कोई बुजुर्गो का सम्मान न करे तो मुझसे कहें, मैं उस पर कार्रवाई करूंगा।"


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