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राहुल गांधी ने इशारों में कर दिया साफ : अब भरोसे के लायक नहीं हैं सिंधिया

मध्य प्रदेश में राहुल गांधी ने धुंध साफ कर दी है। यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने बिना सिंधिया का नाम लिए कहा जो बिक गए हैं

राहुल गांधी ने इशारों में कर दिया साफ : अब भरोसे के लायक नहीं हैं सिंधिया
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- शकील अख्तर

इन्दौर (देशबन्धु)। मध्य प्रदेश में राहुल गांधी ने धुंध साफ कर दी है। यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने बिना सिंधिया का नाम लिए कहा जो बिक गए हैं, उन्हें वापस लेने का सवाल ही नहीं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वैसे तो यह कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी और मध्य प्रदेश के कांग्रेसी नेतृत्व का मामला है। मगर आप मुझसे पूछ रहे हैं तो मेरा मानना है कि जिन्होंने पैसे लेकर दलबदल किया है उन पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता। राहुल यात्रा शुरू होने से पहृले से यह कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश में 20-20 करोड़ रुपए देकर कांग्रेस के विधायक खरीदे गए। ये सब विधायक सिंधिया समर्थक थे।

मध्य प्रदेश में अगले साल है विधानसभा चुनाव

मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। सिंधिया को लोग चाहते हैं कि चुनाव सिंधिया के नेतृत्व में लड़े जाएं। इसके लिए उन्हें अभी से नेतृत्व दिया जाए। मतलब मुख्यमंत्री बनाया जाए। लेकिन फिलहाल उनकी यह मांग पूरी न होता देखकर राज्य में चर्चा है कि सिंधिया राहुल से अपने व्यक्तिगत संबंधों का फायदा उठाकर कांग्रेस में वापस भी आ सकते हैं।

राहुल ने उनके जाने के बाद कहा भी था कि वे उन लोगों में से थे जो कभी भी उनसे मिलने उनके घर आ सकते थे। इसी पृष्ठभूमि में सिंधिया की वापसी का सवाल पूछा गया था। मगर राहुल ने सख्त जवाब देकर फिलहाल इस संभावना पर फुल स्टाप लगा दिया।

मध्य प्रदेश में फिर सरकार बनाए जाने के बारे में राहुल ने कहा कि यहां बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। जब हम महाराष्ट्र में थे तो सोचा था यह सबसे अच्छा है। इससे पहले केरल में यही लगा था। मगर मध्य प्रदेश सबसे आगे निकल गया। यहां को लोगों के दिल, दिमाग में यह यात्रा गहरे बैठ गई है।

गहलोत व पायलट हमारे लिए महत्वपूर्ण

राजस्थान के बारे में राहुल ने बैलेंस रुख रखा। उन्होंने यहां भी बिना नाम लिए कहा कि दोनों हमारे लिए एसेट (महत्वपूर्ण) हैं। मध्य प्रदेश के बाद यात्रा राजस्थान जा रही है। मगर वहां कांग्रेस के बीच गुटबाजी बहुत उग्र रूप धारण कर चुकी है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच समझौते की कोई संभावना नहीं दिख रही है। फिलहाल वहां कैसे होगा, क्या होगा पर राहुल ने कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि वे राजनीतिक मुद्दों पर बात करके यात्रा से ध्यान डाइवर्ड करना नहीं चाहते है।

यात्रा के दौरान राहुल की यह आठवीं प्रेस कान्फ्रेंस थी। हमेशा की तरह राहुल हर सवाल का जवाब दे रहे थे। और पूरक प्रश्न भी ले रहे थे। जबकि राहुल के आने से पहले मीडिया डिपार्टमेंट के इन्चार्ज जयराम पत्रकारों से कह चुके थे कि सवाल चाहे जो कर लेना मगर समय कम है दूसरा सवाल नहीं पूछना। राहुल जब किसी पत्रकार का दूसरा सवाल लेने लगते थे तो जयराम उनसे कहते थे कि एक पत्रकार का एक ही सवाल लीजिए।

ताकि ज्यादा लोगों को पूछने का मौका मिल सके। राहुल हां तो कहते थे मगर फिर सवाल ले लेते थे। जयराम कहते थे कि उदाहरण ज्यादा देकर विस्तार से मत बताइए। इतना समय नहीं है। राहुल फिर स्वीकृति में गर्दन हिलाते थे और फिर किसी पत्रकार का मन रख लेते थे।


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