राहुल गांधी या तो नासमझ हैं या ऐसे समझदार हैं कि समझना ही नहीं चाहते हैं: भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘नासमझ’ और ‘नादान’ नेता बताते हुए आज कहा कि वह देश को उसी मुकाम पर पहुंचाना चाहते हैं जिस पर अपनी पार्टी को पहुंचा चुके हैं

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘नासमझ’ और ‘नादान’ नेता बताते हुए आज कहा कि वह देश को उसी मुकाम पर पहुंचाना चाहते हैं जिस पर अपनी पार्टी को पहुंचा चुके हैं।
Live : Press briefing by Shri @rpsinghkhalsa and Dr. @SudhanshuTrived https://t.co/AXF9MIKxcx
— BJP (@BJP4India) August 24, 2018
भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि श्री गांधी देश को बांटने का आरोप लगा रहे हैं लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि उनकी पार्टी ने किसे नहीं बांटा। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोज़गार के लिए भी लोगों को बांट दिया। एक वोट की खातिर कांग्रेस ने देश को धर्म और जाति के नाम पर बांटा और अब उस पार्टी के अध्यक्ष अंग्रेजों के दरवाजे पर जा कर कह रहे हैं कि सरकार ने देश को बांटने का किया है।
Rahul Gandhi is incapable of playing a positive and constructive and a mature role as a leader of opposition in the party: Shri @SudhanshuTrived pic.twitter.com/RjRpMlEdBb
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त्रिवेदी ने जर्मनी में राहुल गांधी के भाषणों की विषयवस्तु पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि श्री गांधी विदेश जाकर भारत वांछित कर रहे हैं। अगर वह उस कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें चक्रवती राजगोपालाचारी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. राधाकृष्णन थे, तो वह उस पार्टी के नेता बनने योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, “नासमझ, नादान नेता पार्टी को जिस मुकाम पर पहुंचा चुका है, उसी मुकाम पर देश को पहुंचाना चाहता है।”
त्रिवेदी ने यूरोपीय इतिहास एवं अंग्रेजी साहित्य में प्रचलित एक कहावत उद्धृत की और कहा कि उसी कहावत के आधार पर कह सकते हैं कि ‘राहुल गांधी इज वाइज़ेस्ट फूल इन कांग्रेसडम’। उन्होंने कहा कि पहले श्री गांधी विदेश जाते थे तो उसे गुप्त रखा जाता था और कहा जाता था कि वह ज्ञान ध्यान के लिए गया। लेकिन इस बार आधिकारिक यात्रा पर विदेश गये हैं और गज़ब का ज्ञान बांट रहे हैं।
राहुल गाँधी विदेश के दौरे में भारत के बारे में बोला है वो कहीं न कहीं उनकी अपरिपक्वता, अक्षमता को दर्शाता है। १९८४ में हुए कत्लेआम जो हुआ वो सिर्फ बातों से नहीं धुलने वाला है : श्री @SudhanshuTrived https://t.co/2eADvPVNdK
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राहुल गाँधी जी ने एक बार भी नहीं कहा कि 1984 के हुए सिखों पर कत्लेआम में जिन लोगों पर आक्षेप है उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाही होनी चाहिए : श्री @rpsinghkhalsa https://t.co/2eADvPVNdK
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उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं भारतीय अर्थव्यवस्था का उन्हें कोई ज्ञान नहीं है और अंतराष्ट्रीय रिपोर्टों को भी समझने को तैयार नहीं है। वह आईएसआईएस को बेरोजगारी से जोड़ रहे हैं। उन्हें यह भी नहीं पता कि ओसामा बिन लादेन अरबपति था और उसे रोजगार की कोई दिक्कत नहीं थी। इसी प्रकार से 11 सितंबर के आतंकवादी हमला करने वाले उच्चशिक्षित पेशेवर थे जिन्हें पैसे की कोई कमी नहीं थी। उन्हें समझ ही नहीं है कि आतंकवाद विचारधारा की लड़ाई है। उन्होंने कहा, “श्री गांधी या तो नासमझ हैं या ऐसे समझदार हैं कि समझना ही नहीं चाहते हैं।”
त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा को जवाब देने के लिए वेदों एवं पुराणों का अध्ययन करेंगे लेकिन शायद उन्होंने अभी तक एक पन्ना भी नहीं खोला है। उन्हें पता होना चाहिए कि जिस जर्मनी में वे भारतीय संस्कृति को लांछित कर रहे हैं, उसी जर्मनी के विद्धान मैक्समूलर ने वेदों को मानवीय प्रज्ञा का सर्वाेच्च अधिष्ठान बताया था।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव आर पी सिंह ने श्री गांधी द्वारा अपने भाषण में गुरु नानक देव के बारे में कही गयी बातों पर ऐतराज व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्री गांधी के वक्तव्य से सिख समुदाय स्तब्ध है। उनकी सोच और चेहरे में वे चेहरे नज़र आते हैं जिन्होंने पंजाब में बांटने की राजनीति की तथा 1984 में सिखों का कत्लेआम किया और बदनाम किया। उन्होंने कहा कि श्री गांधी अपने वोटों की राजनीति में सिख गुरुओं का नाम नहीं लें। उन्होंने कहा कि जिस दिन श्री गांधी अमृतसर में हरमंदर साहिब जा कर 1984 के कत्लेआम के लिए माफी मांगें तभी वे गुरुओं का नाम लेने के हकदार होंगे।


