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राहुल गांधी में संविधान के नियमों का पालन करने का कोई इरादा नजर नहीं आता : अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बजट सत्र के दौरान सोमवार को नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान को लेकर विपक्षी दलों को घेरा

राहुल गांधी में संविधान के नियमों का पालन करने का कोई इरादा नजर नहीं आता : अश्विनी वैष्णव
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नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बजट सत्र के दौरान सोमवार को नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान को लेकर विपक्षी दलों को घेरा।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नेता विपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने सदन में चल रही कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी के कुछ बयानों को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि हमारी संवैधानिक व्यवस्था और पूरे संसदीय प्रणाली में अध्यक्ष और नेता विपक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन, दुख की बात है कि राहुल गांधी जी एक संवैधानिक व्यवस्था में नेता विपक्ष होते हुए, जैसा व्यवहार करते हैं और जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते हैं। अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर भी वो सवाल उठाते हैं। ये सब लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने वाली चीजें हैं।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि इसके पीछे एक पुराना इतिहास भी है। जब राहुल गांधी ने अपनी ही पार्टी द्वारा बनाए गए अध्यादेश को सबके सामने फाड़कर फेंका था। ऐसे में संविधान के नियमों का पालन करने का उनका कोई इरादा मुझे नजर नहीं आता।

इससे पहले सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण के बीच कई बार केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू एवं प्रल्हाद जोशी और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने उठकर विरोध जताया था। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और राहुल गांधी के बीच तीखी और जोरदार बहस भी लोकसभा में देखने को मिली थी।

किरेन रिजिजू ने यह आरोप लगाया था कि राहुल गांधी को नियमों की जानकारी नहीं है, वे नियम को मानते नहीं हैं और स्पीकर को भी चैलेंज करते हैं। राहुल गांधी ने नेता विपक्ष के पद की गरिमा को गिरा दिया है। सदन नियमों और देश संविधान से चलता है। उन्होंने आरोप लगाया था कि विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूरे भाषण के दौरान (पिछले सत्र में) हंगामा किया था।

वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी द्वारा सदन में पोस्टर लहराने का विरोध करते हुए कहा था कि यह नियमों के खिलाफ है और वे सदन में ऐसा नहीं होने देंगे।

किसानों को संसद भवन परिसर में आने की अनुमति नहीं देने के राहुल गांधी के आरोपों को भी स्पीकर बिरला ने गलत बताते हुए कहा था कि उनकी उपस्थिति में किसान नेताओं ने बयान देकर संसद के नियमों को तोड़ने का काम किया, क्योंकि संसद भवन परिसर के अंदर सिर्फ सांसद ही बयान दे सकते हैं।

स्पीकर बिरला ने राहुल गांधी को सदन और संसद के नियमों को पूरा पढ़ने की नसीहत देते हुए कहा था कि वे (राहुल गांधी) संवैधानिक पद पर हैं, विपक्ष के नेता हैं और उनसे नियमों एवं मर्यादाओं का पालन करने की अपेक्षा की जाती है।


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