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राहुल गांधी ने करीब से देखा छत्तीसगढ़ को और जानी विकास की गाथा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आए तो थे चार बड़ी योजनाओं के लोकार्पण और भूमिपूजन के लिए मगर इस मौके पर उन्हें छत्तीसगढ़ को करीब से देखने का मौका मिला

राहुल गांधी ने करीब से देखा छत्तीसगढ़ को और जानी विकास की गाथा
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रायपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आए तो थे चार बड़ी योजनाओं के लोकार्पण और भूमिपूजन के लिए मगर इस मौके पर उन्हें छत्तीसगढ़ को करीब से देखने का मौका मिला। यह संभव हुआ साइंस कॉलेज के मैदान में लगी प्रदर्शनी से। छत्तीसगढ़ सरकार की विकास योजनाओं और बदलते राज्य की तस्वीर को जाहिर करने के लिए साइंस कॉलेज के मैदान पर विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई। इस प्रदर्शनी में राज्य में रोजगार के विकसित हो रहे साधन से लेकर लोगों की जिंदगी में आ रहे बदलाव का जिक्र किया गया।

राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ हवाई अड्डे से साइंस कॉलेज तक का रास्ता बस मे सवार होकर पूरा किया। गोबर से बदलती जिंदगी पर मुख्यमंत्री से राहुल गांधी की चर्चा हुई।

राहुल गांधी ने बस्तर अंचल के सुकमा जिले के गिरदाल पारा हाइड्रो पावर बेस्ड पंपिंग स्कीम इरिगेशन प्रोजेक्ट का ब्यौरा लिया। कलागुड़ी का अवलोकन कर ढोकरा (बेल मेटल), रॉट आयरन, तुम्बा, शिशल, काष्ट, बांस आदि प्राचीन कलाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए बस्तर जिले में विकसित कलागुड़ी को बस्तर आर्ट के विकास के लिए उल्लेखनीय बताया।

सांसद गांधी के पूछने पर बताया गया कि कलागुड़ी से अब तक इससे 500 से भी अधिक कारीगरों के परिवार लाभानवित हो रहे हैं। इन परिवारों को लगभग 2 लाख रुपए से अधिक आय हो रही है। बीजापुर जिले में बांस शिल्पकला एवं फर्नीचर निर्माण में लगी महिलाएं अब बांस उत्पाद निर्मित कर उन्हें अन्य प्रदेशों के बाजारों में क्रय उपलब्ध कर रही हैं। दैनिक आजीविका के साथ अतिरिक्त मासिक आमदनी 2500 से 3000 रुपए आय अर्जित कर रही हैं।

राहुल गांधी ने बस्तर कॉफी के स्टॉल पर पहुंचकर कॉफी का स्वाद लिया। उन्होंने बस्तर में हो रहे कॉफी उत्पादन के नवाचार और उसके स्वाद की प्रशंसा की। उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल को अंतरराष्ट्रीय कॉफी ब्रांड्स (बड़ी कंपनियों) के साथ बस्तरिया कॉफी का एमओयू करने का सुझाव भी दिया।

गांधी ने इस दौरान चाक पर बैठकर मिट्टी के दीए बनाए तो मिट्टी की कला के बारे में कारीगर से जाना। यहां राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ तरीके से स्वागत भी किया गया। गांधी ने यहां विभिन्न समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी देखा।

राहुल गांधी ने अपने इस प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ को करीब से जाना और यहां के लोगों से संवाद किया। इस दौरान कलाकारों और राहुल गांधी के बीच कई स्थानों पर मुख्यमंत्री द्विभाषिए की भूमिका में नजर आए।


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