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राहुल गांधी का तंज , जीएसटी है गब्बर सिंह टैक्स

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज एक बार फिर वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर कडा प्रहार किया और कहा कि जिस अंदाज में इसे लागू किया गया है उससे यह ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बन गया है

राहुल गांधी का तंज , जीएसटी है गब्बर सिंह टैक्स
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गांधीनगर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज एक बार फिर वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर कडा प्रहार किया और कहा कि जिस अंदाज में इसे लागू किया गया है उससे यह ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बन गया है।

गांधी ने आज गुजरात की राजधानी गांधीनगर के रामकथा मैदान में आयोजित एक रैली में कहा कि जीएसटी कांग्रेस पार्टी की है। पार्टी इसे पूरे देश में एक कर की संकल्पना के तहत लायी। इसे सरल रखना चाहती थी। 18 प्रतिशत की सीमा में। पर इनकी जो जीएसटी है वह जीएसटी नहीं बल्कि जीएसटी यानी गब्बरसिंह टैक्स है। इससे देश को नुकसान हो रहा है।

उन्होंने कहा कि मोदी जी ने देश पर पहले ही नोटबंदी की कुल्हाडी चला कर अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया था और दूसरी कुल्हाडी जीएसटी की चला दी। हमने उन्हें इसे सरल रखने की गुजारिश की थी और इसे धीरे से लागू करने को कहा था। मै अब भी कह रहा हूं 28 प्रतिशत की सीमा, महीने में तीन फार्म भरने वाली इस जीएसटी को बदलना पडेगा। इसे सरल बनाना पडेगा। यह करना ही पडेगा नहीं तो देश को जबरदस्त नुकसान होगा।

गांधी ने अपने संबोधन की शुरूआत जय माता जी जय सरदार और जय भीम के नारे के साथ की। ये तीनो नारे गुजरात में ओबीसी, पाटीदार और दलित समुदाय के लोगों के हैं। कांग्रेस ने ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर को आज विधिवत इसी रैली में पार्टी में शामिल किया जबकि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को निमंत्रण दिया है।

गांधी ने कहा कि आज गुजरात में हर जाति और समाज आंदोलन कर रहा है और ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य में पिछले 22 साल के भाजपा शासन में जनता की सरकार नहीं बल्कि पांच दस उद्योगपतियों की ही सरकार चली है। इसीलिए आज पूरा गुजरात सडकों पर उतर गया है। उन्होंने बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार पर अपने आरोप दोहराये और कहा कि हार्दिक और जिग्नेश समेत राज्यय के करोडों युवा हर समाज में है जो शांत नहीं रह सकते क्योंकि मोदी जी ने इन्हें बहुत तंग किया है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पाटीदार आंदोलन के नेता नरेन्द्र पटेल की ओर से भाजपा पर एक करोड रूपये देने का आरोप लगाये जाने की घटना का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा, ‘ हार्दिक हैं जिग्नेश हैं वो भी शांत नहीं हो सकते उनके दिल में भी एक आवाज है। वह सिर्फ युवाओं में नहीं हर गुजराती के दिल में है। यह गुजराती आवाज कोई मामूली आवाज नहीं। इस आवाज को न दबाया जा सकता है ना खरीदा जा सकता है। जितना भी पैसा लगाये एक करोड दस करोड हजार करोड हिन्दुस्तान का पूरा बजट लगा दो दुनिया का पूरा पैसा लगा दो गुजरात की आवाज को दबा नहीं पाओगे खरीद नहीं पाओगे। अब इतना डर गये हैं कि अब गुजरात की आवाज को खरीदना चाहते हैं। मोदी जी इसकी कोई कीमत नहीं और आप इसको खरीद नहीं सकते।’

उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के मामले को एक बार फिर उठाते हुए कहा न खाऊंगा ना खाने दूंगा की बात करने वाले मोदी जी ने लगता है अब खाना शुरू कर दिया। वह गुजरात के दौरों पर लंबे भाषण देते हैं पर 2014 में कुछ ही माह में 50 हजार से 16 हजार गुना यानी 80 करोड तक कमायी बढाने वाली अमित शाह के बेटे की कंपनी के बारे में कुछ नहीं कहते। उनका मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया फेल हो गया पर जय शाह की कंपनी आसमान में रॉकेट की तरह उठ गयी।

गांधी ने हाल की अपनी गुजरात यात्रा के दौरान सभाओं में लगाये गये आरोपों को आज एक बार फिर दोहराया और कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था कुछ उद्योगपतियों के हाथ में चली गयी है। स्वास्थ्य व्यवस्था भी केवल अमीरों की चिंता करने वाली है। मोदी सरकार ने बडे उद्योगपतियाें का एक लाख 20 हजार करोड माफ कर दिया, गुजरात में नैनो के संयंत्र के लिए टाटा को 35 हजार करोड दे दिये पर किसानों का कर्ज माफ नहीं किया।





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