राहुल गांधी का मोदी सरकार पर वार, रविशंकर प्रसाद का पलटवार
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर हमला करते हुए कहा कि वह झूठी खबर फैला रहे हैं जबकि विधिक प्रणाली का पतन हो रहा है

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर हमला करते हुए कहा कि वह झूठी खबर फैला रहे हैं जबकि विधिक प्रणाली का पतन हो रहा है। इस पर कानून मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष पर पलटवार किया। प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार से लंबित मुकदमे विरासत में मिली है। उन्होंने सवाल किया कि क्या वह विवादित कंपनी कैंब्रिज एनैलिटिका को भेजे गए नोटिस से परेशान हैं।
गांधी ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, "लंबित मुकदमों से विधिक प्रणाली समाप्त हो रही है।"
Legal system collapsing under Pending Cases:
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 24, 2018
Supreme Court
55,000 +
High Court
37 Lakh +
Lower Courts
2.6 Crore +
Yet, a staggering 400 High Court and 6,000 Lower Court judges not appointed, while Law Minister preoccupied peddling fake news. #JudiciaryDemonetised pic.twitter.com/qSpKcIuPKW
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में 55,000 से अधिक मामले लंबित हैं और 37 लाख से अधिक मामले विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित है जबकि निचली अदालतों में लंबित मुकदमों की संख्या 2.6 करोड़ से अधिक है।
गांधी ने कहा, "फिर भी, उच्च न्यायालयों में 400 और निचली अदालों में 6,000 न्यायाधीशों के पदों पर नियुक्ति नहीं होना विस्मयकारी है, जबकि कानून मंत्री झूठी खबरें फैलाने में मग्न हैं।"
इस पर जवाब देते हुए प्रसाद ने ट्वीट करके कहा कि लंबित मुकदमे कांग्रेस की विरासत है। उन्होंने कहा, "श्रीमान राहुल गांधी लंबित मामले यूपीए के 10 साल के शासन की विरासत है जो हमें मिला है जब न्यायिक अवसंरचनाओं का विकास सबसे कम प्राथमिकता में आता था।"
Mr Rahul Gandhi, pendency is the legacy which UPA Govt of 10years had given us where judicial infrastructure development was the lowest priority. We r improving the situation by creating more infrastructure, more digitization & greater technology application in disposal of cases pic.twitter.com/VEQ2ak8WRr
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) March 24, 2018
उन्होंने कहा, "हम ज्यादा से ज्यादा अवसंरचना तैयार करके और मामलों के निपटान में अधिक से अधिक डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग का इस्तेमाल करके स्थिति में सुधार कर रहे हैं।"
In 2016 a record 126 High Court Judges were appointed in one year- highest since independence.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) March 24, 2018
Since May 2014 NDA Govt appointed 17 SC Judges, 326 HC judges & made 304 additional judges permanent & also created 173 new posts of High Court Judges, compared to 20 created in UPA 2 pic.twitter.com/PoummhmylL
उन्होंने बतया कि 2016 में उच्च न्यायालयों में 126 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है जोकि आजादी के बाद महज एक साल में न्यायाधीशों की सबसे ज्यादा नियुक्ति एक कीर्तिमान है।
प्रसाद ने बताया कि 2014 में सत्ता में आने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में 17 और उच्च न्यायालयों में 326 न्यायाधीशों की नियुक्ति की।
Mr Rahul Gandhi, maintaining your track record your team has failed you once again by not doing their homework. Average appointments of High Court Judges under UPA-1 was 86 per year, and in UPA-2 it was 79 per year. Under NDA it has been 109 per year. pic.twitter.com/84QX8RK0jC
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) March 24, 2018


