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राहुल ने सरकार के 'बेटी बचाओ' कार्यक्रम को बताया 'ढोंग', की पहलवानों से बदसलूकी की निंदा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ कथित मारपीट की निंदा करते हुए इसे 'शर्मनाक' करार दिया

राहुल ने सरकार के बेटी बचाओ कार्यक्रम को बताया ढोंग, की पहलवानों से बदसलूकी की निंदा
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नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ कथित मारपीट की निंदा करते हुए इसे 'शर्मनाक' करार दिया और भाजपा पर आरोप लगाया कि वह देश की बेटियों पर अत्याचार करने से कभी पीछे नहीं हटती है।

इस साल मार्च में लोकसभा सांसद के तौर पर अयोग्य करार दिए गए राहुल गांधी ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, 'देश के खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बहुत ही शर्मनाक है। 'बेटी बचाओ' बस ढोंग है! असल में भाजपा भारत की बेटियों पर अत्याचार करने से कभी पीछे नहीं हटी है।

उन्होंने विरोध-प्रदर्शन करने वाली पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक का एक वीडियो भी जोड़ा, जहां दोनों इस घटना के बाद आंसू बहाते नजर आ रहे थे।

उनकी यह टिप्पणी प्रदर्शनकारी पहलवानों द्वारा बुधवार रात जंतर-मंतर पर दिल्ली पुलिस द्वारा कथित तौर पर की गई बदसलूकी के कुछ घंटे बाद आई है, जहां वे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश से भाजपा के लोकसभा सांसद भी हैं, उन्होंने छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

इस घटना में दिल्ली पुलिस के कुछ जवानों को चोटें आई हैं।

पहलवान पिछले 11 दिनों से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं।

बुधवार की रात कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी आंदोलनकारियों को समर्थन देने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं रोका।

बाद में उसे पुलिस ने हिरासत में लिया और वसंत कुंज थाने ले गई।

इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी पहलवानों से मिले थे।

यहां तक कि प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा भी प्रदर्शनकारी पहलवानों से मिले थे।

आंदोलन को अनुशासनहीनता करार देने के कुछ दिनों बाद भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की प्रमुख पी.टी. उषा विरोध स्थल पर प्रदर्शनकारी पहलवानों से मिलने गई थीं।

पूर्व ओलंपियन पी.टी. उषा के वहां मौजूद मीडिया से बात किए बिना प्रदर्शन स्थल से चले जाने के बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों को मदद का आश्वासन दिया है और यह भी स्पष्ट किया कि उनकी बातों का गलत अर्थ निकाला गया।


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