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राहुल गांधी की ओर से विदेशी मंचों पर भारत की संस्कृति को बदनाम करना शर्मनाक : तरुण चुघ

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है

राहुल गांधी की ओर से विदेशी मंचों पर भारत की संस्कृति को बदनाम करना शर्मनाक : तरुण चुघ
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विदेशी मंचों पर भारत को बदनाम करना शर्मनाक : तरुण चुघ का राहुल गांधी पर हमला

  • राहुल गांधी पर तरुण चुघ का तीखा वार, कहा- जननायक कहलाने का हक नहीं
  • तरुण चुघ ने राहुल गांधी पर लगाया भारत की छवि धूमिल करने का आरोप
  • राहुल गांधी की आलोचना में तरुण चुघ ने उठाया कर्पूरी ठाकुर का उदाहरण

अमृतसर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी विदेशी मंचों पर भारत की संस्कृति और संस्कारों को बदनाम करने का काम कर रहे हैं, जो देश के लिए अत्यंत शर्मनाक है।

चुघ ने कहा, "राहुल गांधी 'इटली का चश्मा' पहनकर विदेशी टूलकिट का हिस्सा बन गए हैं, जिसका उद्देश्य भारत की वैश्विक छवि को धूमिल करना है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। वे अब अपने अनुयायियों का इस्तेमाल करके 'जननायक' की उपाधि का दावा करने की कोशिश कर रहे हैं। जो व्यक्ति अपने ही देश की सेना और महापुरुषों का अपमान करता है, वह कभी भी 'जननायक' कहलाने का हकदार नहीं हो सकता।"

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय सेना और राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करके जनता के नेता कहलाने का नैतिक अधिकार खो दिया है। इस देश की जनता ने गांधी-नेहरू परिवार को कई बार नकारा है। जनता उनकी विदेशी मानसिकता को कभी स्वीकार नहीं करेगी।"

चुघ ने भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा गरीबों और वंचितों की सेवा को प्राथमिकता दी, जबकि राहुल गांधी और उनकी गठबंधन सरकार केवल जनता को गुमराह करने में लगी है। राजनीतिक मतभेद रखना हमारी परंपरा है, लेकिन राष्ट्रीय एकता की कीमत पर कभी नहीं।

तरुण चुघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में देश के युवा राष्ट्र निर्माण में जुटे हैं। उन्होंने कहा, “जब देश के युवा और सरकार विकास के लिए काम कर रहे हैं, तब कुछ नेता विदेशी मंचों पर भारत को बदनाम करने में लगे हैं।”

उन्होंने भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बताते हुए कहा कि देश का विकास केवल भारतीय मूल्यों और विचारों के आधार पर ही संभव है, न कि विदेशी प्रभाव के सहारे। उन्होंने कहा कि भारत की जनता ऐसी सोच को कभी स्वीकार नहीं करेगी जो देश की छवि को नुकसान पहुंचाए।


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