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पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी, सिद्दू, हरीश चौधरी और जाखड़ ने की राहुल गांधी से मुलाकात

पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ की लड़ाई राहुल गांधी के पास पहुंची और दोनों को राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली तलब किया

पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी, सिद्दू, हरीश चौधरी और जाखड़ ने की राहुल गांधी से मुलाकात
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नई दिल्ली। पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ की लड़ाई राहुल गांधी के पास पहुंची और दोनों को राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली तलब किया। दो दौर की बैठकों में सुनील जाखड़ ने अलग और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी से अलग मुलाकात की।

तीनों नेताओं ने बुधवार देर शाम राहुल गांधी के आवास पर पहुंचकर मुलाकात की। माना जा रहा है कि राहुल संग बैठक में पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई।

सुनील जाखड़ ने शाम 5 बजे राहुल गांधी से मुलाकात की। दूसरी ओर चन्नी और सिद्दू की राहुल गांधी से मुलाकात देर रात करीब 10 बजे तक जारी रही। दोनों बैठकों के दौरान पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी मौजूद रहे।

दरअसल पंजाब कांग्रेस में लगातार घमासान मचा हुआ है। नवजोत सिद्धू ने पिछले दिनों जिला प्रधानों के नाम तय कर पार्टी हाईकमान को भेजे थे। जिस पर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी जगाई थी। खासतौर पर सुनील जाखड़ ने इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने आरोप लगाया था कि सिद्धू संगठन को लेकर मनमानी कर रहे हैं।

जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब कांग्रेस के तीनों वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाकर चर्चा की और इस तनातनी के माहौल को दूर करने का प्रयास किया।

गौरतलब है कि सिद्धू ने तकरीबन 2 सप्ताह पहले कांग्रेस हाईकमान को लिस्ट भेजकर, 29 जिला इकाई वाले पंजाब में हर जिला इकाई में एक प्रधान और 2 कार्यकारी प्रधान का फॉर्मूला सुझाया था। अपने फॉर्मूले के जरिये सिद्धू ने इसमें 89 नेताओं को एडजस्ट करने की तैयारी की थी, जिसपर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी जताई थी। वरिष्ठ नेताओं का आरोप है कि कुछ नेताओं को ही इसमें तरजीह दी जा रही है।

अब राहुल गांधी ने इस पूरे मसले पर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ को दिल्ली बुलाकर पूरे मामले को समझने का प्रयास किया। दरअसल पंजाब में कांग्रेस को हिंदू वोट बैंक की चिंता है। प्रदेश में 38.49 फीसदी हिंदू वोट हैं। कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री और संगठन अध्यक्ष के पद पर सिख चेहरे नियुक्त कर दिए हैं। ऐसे में हिन्दू वोट बैंक को मजबूत करने के लिए संगठन में अन्य पदों पर हिन्दू नेताओं को तरजीह देनी होगी। पार्टी फिलहाल इसी कवायत में जुटी है।


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