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भारतीय सेना पर गर्व, हम कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के साथ : दीपेंद्र सिंह हुड्डा

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर संसद के विशेष सत्र बुलाने की मांग की है

भारतीय सेना पर गर्व, हम कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के साथ : दीपेंद्र सिंह हुड्डा
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सोनीपत। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर संसद के विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। हुड्डा ने कहा, “हम सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और भारतीय सेना पर गर्व है। लेकिन ट्रंप के बयानों के बाद सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाकर देश के सामने अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। दुनिया को पता चलना चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा भारत एकजुट है।”

उन्होंने आगे कहा यह सत्र सशस्त्र बलों के सम्मान में एकजुटता दिखाने और उनकी बहादुरी का आभार व्यक्त करने के लिए जरूरी है। सभी पार्टियां मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर तिरंगा यात्रा करे, जिसमें सभी सांसद राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक शामिल हों। इससे दुनिया को भारत की एकता का संदेश जाएगा। हम अपने सशस्त्र बलों के हर कदम के साथ हैं। उनके पराक्रम पर सभी को गौरव है, हर हिंदुस्तानी को गौरव है और यह गौरव राजनीतिक दलों के हिसाब से बांटा नहीं जा सकता। मैं समझता हूं कि इसी भावना को लेकर हम यह सर्वदलीय बैठक की मांग कर रहे हैं। उसमें प्रधानमंत्री भी आएं ताकि आपस में चर्चा हो और विश्व को हम एकजुटता का संदेश दे सकें। पूरा भारत आतंक के मामले में एक है।

उन्होंने सेना की वीरता की सराहना करते हुए कहा, “यह वही सेना है, जिसने 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े किए, कारगिल में दुश्मन को धूल चटाई और हिमालय पर हमारा सिर कभी झुकने नहीं दिया। यह भारत की सेना है, किसी दल की नहीं। हमें अपने सैनिकों पर गर्व है।”

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के सबूतों पर सवाल उठाने की निंदा की और कहा, “हमारी सेना के पराक्रम पर सवाल उठाना अस्वीकार्य है। ऐसे नेताओं पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। यह किसी दल की सेना या किसी भी राजनीतिक विचारधारा की सेना नहीं है, यह भारत की सेना है।”

हुड्डा ने मध्य प्रदेश के मंत्री और उपमुख्यमंत्री के विवादास्पद बयानों पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम इन बयानों की कड़ी निंदा करते हैं। सीमा पर तैनात हर सैनिक हमारे भाई-बहन हैं, वे किसी जाति या धर्म के नहीं, बल्कि भारत के बेटे-बेटियां हैं। सरकार को ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, न कि कोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए।”


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