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भविष्य में हर महामारी से निपटने की है तैयारी : सरकार

सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि कोरोना महामारी से बहुत कुछ सीखने को मिला है

भविष्य में हर महामारी से निपटने की है तैयारी : सरकार
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नई दिल्ली। सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि कोरोना महामारी से बहुत कुछ सीखने को मिला है और वह देश में विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं विकसित कराने के साथ ही भविष्य में किसी भी महामारी से निपटने के लिए तैयार रहने की कोशिश कर रही है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने लोकसभा में ‘वर्ष 2021-22 के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अनुपूरक मांगों’ पर करीब चार घंटे चली बहस का जवाब देते हुए कहा कि देश में विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं विकसित की जा रही हैं और उसी का परिणाम है कि कोरोना महामारी से निपटा जा सका है। स्वास्थ्य क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बन रहा है भविष्य में हर महामारी से निपटने की तैयारी चल रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार इस कोशिश के साथ काम कर रही है कि देश में भविष्य में कोई व्यक्ति बीमार ही नहीं हो। इसके लिए स्वच्छता, पाेषण, चिकित्सा शोध, टीकाकरण आदि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्वास्थ्य से जुड़ी हर सेवा के लिए बजट में प्रावधान किया गया है और उसे पहले की तुलना में बढ़ाया गया है। सरकार ने तय किया है कि एक अप्रैल से बजट की हर घोषणा को लागू कर दिया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश को टीवी यानी क्षयरोग मुक्त करने के लिए काम चल रहा है और इसके लिए जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। उनका कहना था कि 2014 की तुलना में देश में टीवी के मरीजों की संख्या में बहुत बड़ी गिरावट आयी है और टीवी के खिलाफ सरकार विशेष ध्यान दे रही है इसलिए उन्हें उम्मीद है कि देश को जल्द ही टीवी से मुक्त घोषित किया जा सकेगा।

डॉ हर्ष वर्धन ने स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 में देश में जहां 381 मेडिकल कालेज थे उनकी संख्या आज 562 हो गयी है। इसी तरह से 2000 तक देश में एक ही एम्स था जिनकी संख्या 2014 तक छह हुई अब 22 हो चुकी है। सीजीएचएस सुविधा 2014 तक 25 शहरों में थी जो बढ़कर अब 74 शहरों तक पहुंच चुकी है। इसी तरह से मेडिकल कालेज में सीटों की संख्या भी बढ़ाई गई है और पीजी की सीटें 2014 के 30191 से बढकार अब 54 हजार से ज्यादा हो गयी हैं।

उन्होंने कहा कि देश स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है और इसका उदाहरण कोरोना काल है जब देश में कोरोना किट, वेंटिलेटर की शुरुआत में दिक्कत थी लेकिन आज कई राज्य एन-95 मास्क, किटस एवं वेंटिलेटर लेने से यह कहते हुए मना कर रहे हैं कि उनके पास इनका पर्याप्त स्टॉक है। इसी तरह से दुनिया के 36 प्रतिशत टीके भारत में ही बन रहे हैं और कोविड-19 टीका निर्मित कर विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।


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