राहुल गांधी की छठ टिप्पणी पर सुधांशु त्रिवेदी का हमला : हिंदू विरोधी मानसिकता का प्रतीक
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने छठ पूजा पर टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है

छठ पर्व को 'ड्रामा' बताने पर भाजपा सांसद ने राहुल गांधी को घेरा
- त्रिवेदी बोले- राहुल गांधी की सोच भारतीय संस्कृति से विमुख
- राहुल गांधी के बयान पर भाजपा का पलटवार: आस्था का अपमान, राजनीति का ड्रामा
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नई दिल्ली। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने छठ पूजा पर टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि अपने विदेशी दौरों के दौरान भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के बाद बुधवार को बिहार में राहुल गांधी ने भारतीय संस्कृति के प्रमुख त्योहारों में से एक छठ पूजा के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। यह उनका निंदनीय बयान है।
भाजपा नेता ने कहा कि जो कुछ महागठबंधन और राहुल गांधी कर रहे हैं, ये कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी राहुल गांधी ने प्रयागराज महाकुंभ में 'गंदा पानी' शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने अयोध्या में 'राम मंदिर' के उद्घाटन को नाच-गान के रूप में देखा था, और आज उन्हें छठ पर्व पर ड्रामा नजर आ रहा है। यह उनकी भारतीय संस्कृति विरोधी, हिंदू संस्कृति विरोधी और बिहार के महापर्व के प्रति उनके मन में जो तिरस्कार है, उसको दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि यह कोई ड्रामा नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी शुद्ध शाकाहारी हैं और नवरात्रि पर व्रत रखते हैं। ड्रामा वो है जो आप और आपके साथ वाले दल करते हैं। आपके साथ के दल कॉन्फ्रेंस करके हिंदू धर्म के समूल नाश की बात करते हैं। आप कहते हैं कि हिंदू धर्म की शक्ति से लड़ना है। आप अपनी जाति नहीं, गौत्र बताते हैं, ये होता है ड्रामा।
इससे पहले भाजपा नेता ने महागठबंधन पर हमला बोला था, बल्कि लालू प्रसाद यादव के परिवार पर भी तंज कसा था।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा था कि लालू प्रसाद यादव, जो कभी खुद को गरीब-गुरबा का नेता बताते थे, अब अपने ही परिवार में नेतृत्व को लेकर उलझे हुए हैं। उनके सामने दुविधा है, इस बेटवा का नेता बनूं या उस बेटवा का, इस बिटिया का नेता बनूं या उस बिटिया का। बिहार की जनता सब देख रही है, कौन सत्ता के लिए लड़ रहा है और कौन जनता की सेवा के लिए।
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत एनडीए एकजुट और मजबूत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास की नई राह देखी है। केंद्र और राज्य की सरकारें जनता के भरोसे पर खरी उतरी हैं।


