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आरएसएस-भाजपा को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए : राहुल गांधी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान, इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है

आरएसएस-भाजपा को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए : राहुल गांधी
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नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान, इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है। आरएसएस-भाजपा को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए।

राहुल गांधी ने कहा कि ये बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा गुलाम बनाना चाहते हैं। आरएसएस ये सपना देखना बंद करे, हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे। हर देशभक्त भारतीय आखिरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा।

दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संविधान की प्रस्तावना में शामिल 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों पर फिर से विचार करने की मांग की थी। उनके इस बयान के बाद अब सियासत तेज हो गई है। इसी क्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''आरएसएस का नकाब फिर से उतर गया। संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है। आरएसएस-भाजपा को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए।

उन्होंने आगे लिखा, ''ये बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा गुलाम बनाना चाहते हैं। संविधान जैसा ताकतवर हथियार उनसे छीनना इनका असली एजेंडा है। आरएसएस ये सपना देखना बंद करे, हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे। हर देशभक्त भारतीय आखिरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा।''

इससे पहले कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए दत्तात्रेय होसबाले के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भारत एक सेक्युलर देश था और हमेशा रहेगा। भारत का संविधान सभी को बराबरी का अधिकार देता है। देश के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है। अपनी इच्छा से धर्म और आस्था को मानने का अधिकार है।

उन्होंने कहा कि इतिहास में भी हम सेक्युलर थे और आज भी रहेंगे, जहां तक बात सोशलिस्ट की है तो देश में जो आर्थिक असमानता है, उसे दूर करने का हम लोगों ने हमेशा संकल्प लिया है। आजादी के बाद हम लोगों ने संकल्प लिया था कि हम लोग अमीर और गरीब के बीच जो खाई है, उसे पाटने का काम करेंगे। सोशलिस्ट उसी को दर्शाता है।


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