नए CEC के चयन पर राहुल गांधी ने दिया असहमति का नोट
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मुख्य सूचना आयुक्त और आठ अन्य सूचना आयुक्तों के चयन के लिए अपनाए गए मानदंड पर सवाल उठाए।

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने बुधवार को अगले मुख्य सूचना आयुक्त (CEC) और आठ सूचना आयुक्तों के चयन के लिए बैठक की। बताया जा रहा है कि समिति ने मुख्य सूचना आयुक्त और आठ सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर निर्णय ले लिया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हालांकि असहमति पत्र दिया है। एक घंटे से अधिक चली यह बैठक प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई, जिसमें राहुल गांधी और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए।
चयन प्रक्रिया से असंतुष्ट
सूत्रों के अनुसार, नेता विपक्ष राहुल गांधी ने नियुक्त किए जाने वाले व्यक्तियों के बारे में अधिक जानकारी मांगी तथा उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त और आठ अन्य सूचना आयुक्तों के चयन के लिए अपनाए गए मानदंड पर सवाल उठाए। चयन प्रक्रिया से असंतुष्ट होकर राहुल गांधी ने अपना असहमति पत्र दिया। नियुक्तियों के संबंध में जानकारी नहीं मिल सकी है। सरकार ने इससे पहले इन पदों के लिए नामों का चयन करने के लिए आयोजित इस बैठक के बारे में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था। इससे पहले राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति की प्रक्रिया पर भी कड़ी असहमति व्यक्त की थी।
आठ पद रिक्त
सूचना के अधिकार अधिनियम के अनुसार, केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त और 10 सूचना आयुक्त होते हैं, जो आरटीआइ आवेदकों द्वारा उनके आवेदनों पर सरकारी अधिकारियों के असंतोषजनक आदेशों के विरुद्ध दायर शिकायतों और अपीलों पर निर्णय करते हैं। अधिनियम की धारा 12 (3) के तहत प्रधानमंत्री समिति के अध्यक्ष होते हैं। समिति में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री भी शामिल होते हैं। यह समिति मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नामों का चयन और सिफारिश करती है। सीआइसी की वेबसाइट के अनुसार, उसके पास 30,838 लंबित मामले हैं। वहीं आयोग में केवल दो सूचना आयुक्त-आनंदी रामलिंगम और विनोद कुमार तिवारी हैं तथा आठ पद रिक्त हैं।


