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नेशनल हेराल्ड केस : राहुल और सोनिया गांधी पर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की एफआईआर

नेशनल हेराल्ड मामले ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल मचा दी है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज कर ली है

नेशनल हेराल्ड केस : राहुल और सोनिया गांधी पर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की एफआईआर
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ईओडब्ल्यू की कार्रवाई, गांधी परिवार पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप

  • नेशनल हेराल्ड मामले में नई एफआईआर, नौ आरोपी और तीन कंपनियां शामिल
  • यंग इंडियन और एजेएल पर भी एफआईआर, 2,000 करोड़ की संपत्तियों पर कब्जे का आरोप
  • नेशनल हेराल्ड केस से फिर मचा सियासी तूफान, कांग्रेस नेताओं पर गंभीर धाराएँ

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल मचा दी है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज कर ली है। इसमें आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

एफआईआर संख्या 0124/2025 के तहत कुल नौ आरोपी बनाए गए हैं, जिनमें छह व्यक्ति और तीन कंपनियां शामिल हैं। यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की 3 अक्टूबर 2025 की शिकायत पर आधारित है, जिसमें पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत अनुसूचित अपराध दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। कांग्रेस से जुड़ी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) कंपनी की लगभग 2,000 करोड़ रुपए कीमत वाली संपत्तियों पर धोखाधड़ी से कब्जा करने की साजिश रची गई।

एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी है, जो 2008 में वित्तीय संकट के कारण बंद हो गया था। उस समय एजेएल पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का 90.21 करोड़ रुपए का ब्याज रहित ऋण बकाया था। आरोप है कि 2010 में गठित यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के जरिए इस ऋण को मात्र 50 लाख रुपए में खरीद लिया गया। यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास संयुक्त रूप से 76 प्रतिशत शेयर हैं, जिससे वे इसकी लाभार्थी मालिक बने।

ईडी की जांच रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि यंग इंडियन को 'स्पेशल पर्पस व्हीकल' के रूप में बनाया गया, जो सार्वजनिक धन को निजी हितों में बदलने का माध्यम बना।

एजेएल ने अपना बकाया ऋण 10 रुपए अंक मूल्य वाले 9.02 करोड़ इक्विटी शेयरों में बदल दिया, जिससे एआईसीसी के दानदाताओं और शेयरधारकों को ठगा गया। इसके अलावा कोलकाता की कथित शेल कंपनी डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड ने यंग इंडियन को 1 करोड़ रुपए का हस्तांतरण किया, जो साजिश का हिस्सा माना जा रहा है।

ईडी ने 9 अप्रैल 2025 को राऊज एवेन्यू कोर्ट में अभियोजन शिकायत दायर की थी, जिसमें धारा 3 और 4 के तहत धन शोधन का आरोप लगाया गया। अदालत ने अभी संज्ञान लेने पर फैसला सुरक्षित रखा है।

एफआईआर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और सुनील भंडारी को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा तीन कंपनियों- यंग इंडियन, डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।

इसके अलावा पूर्व कांग्रेस नेता मोतीलाल वोहरा और ऑस्कर फर्नांडिस का नाम भी जांच में आया था, लेकिन उनकी मृत्यु के कारण वे अब आरोपी नहीं हैं।


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