Begin typing your search above and press return to search.
विदेश में राहुल गांधी पर नजर रखते हैं दूतावास के लोग, सैम पित्रोदा का आरोप
सैम पित्रोदा के अनुसार, उन्होंने खुद भारतीय दूतावास के अधिकारियों को राहुल की गतिविधियों पर नजर रखते देखा है। होटल, बैठक और यहां तक कि एयरपोर्ट पर भी लोग देखते रहते हैं।

सैम पित्रोदा ने भारतीय दूतावास के अफसरों को कटघरे में खड़ा किया है। सैम पित्रोदा ने कहा, राहुल गांधी जब भी विदेशी सरजमीं पर होते हैं, संबंधित भारतीय दूतावास के अधिकारी कांग्रेस सांसद पर नजर रखते हैं। कई बार विदेशी नेताओं को राहुल गांधी से न मिलने या मुलाकात से परहेज करने को भी कहा जाता है। राहुल संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान जर्मनी क्यों गए? इस सवाल पर सैम पित्रोदा ने कहा, विदेश यात्रा अचानक नहीं होती। महीनों पहले से कार्यक्रम बनने लगते हैं। योजनाएं पहले से ही तय हो जाती हैं। होटल से लेकर एयरपोर्ट तक रहते हैं लोग
सैम पित्रोदा के अनुसार, उन्होंने खुद भारतीय दूतावास के अधिकारियों को राहुल की गतिविधियों पर नजर रखते देखा है। होटल, बैठक और यहां तक कि एयरपोर्ट पर भी लोग देखते रहते हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, उनके पास लिखित सबूत नहीं हैं, लेकिन ऐसा करना सरकार की तरफ से जासूसी कराए जाने जैसा काम है। वे अपने अनुभव के आधार पर नजर रखे जाने का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस ऐसी हरकतों से डरने वाली नहीं है। विदेश दौरे के समय पर सवाल
उन्होंने संसद की उपेक्षा जैसे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि राहुल के जर्मनी दौरे का मकसद प्रगतिशील गठबंधन की बैठक में शामिल होना था। इसमें लगभग 110 देशों के लोकतांत्रिक राजनीतिक दल शरीक होते हैं। सैम पित्रोदा के अनुसार, भारत में अधिकांश मौकों पर अहम राजनीतिक-सामाजिक गतिविधियां होती रहती हैं। ऐसे में यात्रा या विदेश दौरे की टाइमिंग पर सवाल उठाए जाते रहेंगे। बातों के वैश्विक मायने
भाजपा अक्सर राहुल गांधी पर देशविरोधी बयान देने के आरोप लगाती है। इस पहलू पर सैम पित्रोदा ने कहा, आजकल आप भारत में जो कुछ भी कहते हैं, उसके वैश्विक मायने होते हैं। विदेशी सरजमीं पर कही गई बातों को राष्ट्रीय राजनीति और देशहित से जोड़ा जाता है। उन्होंने कहा, 'सच देश में बोलें या विदेश में, सत्य ही रहता है। इसे लेकर दोहरे मानदंड नहीं होने चाहिए।'
Next Story


