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किसी भी कीमत पर सेना प्रमुख की नियुक्ति पीएम करेंगे, लंदन में शरीफ भाइयों का फैसला

देश के भीतर और बाहर पाकिस्तान के अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर विभिन्न पक्षों के बीच अहम चर्चाओं के बाद शरीफ बंधुओं ने लंदन में कथित तौर पर फैसला किया है कि प्रधानमंत्री सभी महत्वपूर्ण नियुक्ति करने के लिए किसी भी 'दबाव' में नहीं झुकेंगे- चाहे जो भी हो

किसी भी कीमत पर सेना प्रमुख की नियुक्ति पीएम करेंगे, लंदन में शरीफ भाइयों का फैसला
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लंदन। देश के भीतर और बाहर पाकिस्तान के अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर विभिन्न पक्षों के बीच अहम चर्चाओं के बाद शरीफ बंधुओं ने लंदन में कथित तौर पर फैसला किया है कि प्रधानमंत्री सभी महत्वपूर्ण नियुक्ति करने के लिए किसी भी 'दबाव' में नहीं झुकेंगे- चाहे जो भी हो। मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। डॉन ने बताया- इस बीच गुरुवार को यह सामने आया कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एक राजनयिक पासपोर्ट जारी किया गया, जिससे देश में उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त हो गया।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान द्वारा नए सेना प्रमुख की नियुक्ति और जल्द चुनाव की घोषणा करने के लिए दबाव के बाद डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन में दोनों भाइयों के बीच हुई बातचीत से जुड़े एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ दोनों ने फैसला किया है कि सेना प्रमुख की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की शक्तियों का किसी भी कीमत पर समर्पण नहीं किया जाएगा।

अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री कथित तौर पर तेजी से बदलते राजनीतिक परि²श्य के संदर्भ में अपने बड़े भाई के सामने कुछ हलकों द्वारा बताए गए विकल्पों को रखने के लिए लंदन गए थे। हालांकि, सूत्र ने कहा कि दोनों भाई खान की मध्यावधि चुनाव की मांग को नहीं मानने पर सहमत हुए।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्र ने कहा- पीएम शहबाज ने नवाज से कहा कि लगभग सभी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) पार्टियां सेना प्रमुख की नियुक्ति और अगस्त 2023 तक मौजूदा सरकार के कार्यकाल को पूरा करने के लिए प्रीमियर की शक्तियों पर एक ही पृष्ठ पर हैं। वह (पीएमएल-एन और सहयोगी दल) अपनी सरकार की कुर्बानी देने को भी तैयार हैं, लेकिन अपने रुख से नहीं हटेंगे।

नवाज के बेटे और बेटी मरियम, हसन और हुसैन भी बैठक में मौजूद थे। पीएमएल-एन के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि- गठबंधन सरकार पर सेना प्रमुख की नियुक्ति और नए सिरे से चुनाव के मुद्दे पर कुछ हलकों से दबाव था। उन्होंने कहा, इसीलिए शहबाज कुछ मांगों को स्वीकार करने या न करने का फैसला करने के लिए पार्टी सुप्रीमो के पास पहुंचे।

प्रधानमंत्री बुधवार को मिस्र से लौटते समय अपने बड़े भाई और पार्टी के सर्वोच्च नेता से सभी मुद्दों पर फैसला लेने के लिए लंदन गए थे, जो नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर तीन साल से आत्म-निर्वासित में हैं। सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान जनरल बाजवा को सेवा विस्तार देने पर भी चर्चा हुई। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार जनरल बाजवा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होने वाला है। इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से शहबाज शरीफ की यह तीसरी ब्रिटेन यात्रा थी।


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