पीएम मोदी ने अनिल अंबानी के साथ मिलकर सेनाओं पर की 'सर्जिकल स्ट्राइक': राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधते हुए आज कहा कि उन्हाेंने अनिल अंबानी के साथ मिलकर भारतीय सैन्य बलों पर

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधते हुए आज कहा कि उन्हाेंने अनिल अंबानी के साथ मिलकर भारतीय सैन्य बलों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की।
LIVE: Press briefing by Congress President @RahulGandhi. #RafaleModiKaKhel https://t.co/JpNfXJhpm5
— Congress (@INCIndia) September 22, 2018
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी ने भारतीय सैन्य बलों पर 130 हजार करोड़ रुपए की सर्जिकल स्ट्राइक की। मोदीजी से आपने हमारे शहीद सैनिकों के रक्त का अपमान किया है। आपको शर्म आनी चाहिए। आपने भारत के भरोसे के साथ धोखा किया है।”
The PM and Anil Ambani jointly carried out a One Hundred & Thirty Thousand Crore, SURGICAL STRIKE on the Indian Defence forces. Modi Ji you dishonoured the blood of our martyred soldiers. Shame on you. You betrayed India's soul. #Rafale
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 22, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष का यह बयान फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद के हवाले से मीडिया में आयें इस वक्तव्य के मद्देनजर आया है कि राफेल सौदे में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस इंडस्ट्रीज का नाम भारत सरकार ने सुझाया था।
कांग्रेस के अन्य नेताओं कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और संदीप दीक्षित ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना की है। श्री सिब्बल ने कहा है कि सरकार को इस संबंध में सफाई देनी चाहिए।
राहुल गांधी ने शुक्रवार रात को ट्वीट कर कहा था “प्रधानमंत्री ने बंद दरवाजे के पीछे राफेल सौदे पर व्यक्तिगत रुप से बातचीत की और उसे बदला। फ्रांसुआ ओलांद का धन्यवाद जिनके खुलासे से हमें अब पता चला कि उन्होंने निजी तौर पर अरबों डॉलर का ठेका दिवालिया हो चुके अनिल अम्बानी को दिया। प्रधानमंत्री ने देश को धोखा दिया है। उन्होंने सैनिको के खून का अपमान किया है।”
उल्लेखनीय है कि फ्रांसीसी वेबसाइट ‘मीडियापार्ट’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में ओलांद के हवाले से कहा गया है कि राफेल सौदे के लिए भारत की तरफ से ही रिलायंस के नाम का प्रस्ताव किया गया था और विमान निर्माता डसॉल्ट एविएशन के पास रिलायंस के अलावा कोई विकल्प नहीं था।


