महाबंद में पेट्रोल पंप व दवा दुकानें भी रही बंद
गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स आज से लागू होने जा रहा है। उसके पहले सभी व्यापारिक संगठन इस टैक्स को लेकर जबर्दस्त खिलाफत में उतर आया है

विदिशा। गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स आज से लागू होने जा रहा है। उसके पहले सभी व्यापारिक संगठन इस टैक्स को लेकर जबर्दस्त खिलाफत में उतर आया है। शुक्रवार को पूरे भारत में व्यापारियों ने बंद का आव्हान किया था। विदिशा शहर और जिले में भी बंद का असर देखा गया। लंबे अर्से बाद मेडिकल स्टोर और पेट्रोल पंप भी महाबंद में शामिल रहे।
केन्द्र सरकार आज एक जुलाई से जीएसटी लागू करने जा रही है। इस टैक्स के लागू होने से देश और प्रदेश में चल रहे विभिन्न टैक्सों को शून्य कर दिया जाएगा। कुछ चीजों को छोड़कर अधिकांश छोटी से लेकर बड़ी वस्तुओं पर जीएसटी लागू होगा। व्यापारियों का मानना है कि जीएसटी से व्यापारी परेशान हेाने के साथ-साथ तबाह हो जाएगा। खासतौर पर छोटे और मंझोले व्यापारी इस टैक्स की मार सहन नहीं कर पाएंगे। पिछले एक पखवाड़े से जैसे-जैसे जीएसटी लागू होने की तारीख नजदीक आ रही थी, वैसे-वैसे इसका विरोध भी खुलकर होने लगा। धरना प्रदर्शन, ज्ञापन का दौर और तेज होता गया। जीएसटी लागू होने से एक दिन पहले शुक्रवार को सभी व्यापारियों ने एक साथ बाजार बंद कर अपना विरोध दर्ज कराया।
शहर में घूमकर मांगा समर्थन: शुक्रवार को पूरे बाजार बंद करने को लेकर सुबह सवेेरे व्यापारी माधवगंज पर जुटे। यहां से वाहनों के माध्यम से शहर के अलग-अलग कोने में जाकर खुले हुए व्यापार को बंद करा रहे थे। वहीं दिनभर व्यापारी शहर के चप्पे-चप्पे पर घूमकर बंद का समर्थन मांगते रहे। इसके पहले व्यापारियों ने गुरूवार की शाम वाहन रैली निकालकर शुक्रवार के बंद में सहयोग करने की अपील की थी। लंबे अर्से बाद देखने में आया कि व्यापारियों द्वारा कराए गए इस बंद में बंद पूरी तरह सफल रहा है। अब से पहले होने वाले शहर बंद के दौरान आवश्यक वस्तुओं में शुमार मेडिकल स्टोर और पेट्रोल पंप खुलते रहे थे, लेकिन शुक्रवार को व्यापारियों द्वारा बुलाए गए इस बंद में पेट्रोल पंप और सभी मेडिकल स्टोर भी बंद रहीं। जिसकी वजह से यह बंद महाबंद साबित हुआ।
किसी राजनैतिक संगठन या किसी घटना विशेष पर बुलाए गए बंद के दौरान अब से पहले मेडिकल और पेट्रोल पंप खुले रहा करते थे, लेकिन केन्द्र की नई नीतियों के चलते मेडिकल स्टोर संचालक भी परेशान हैं। पेट्रोल पंप अपने रोजाना तय होने वाली दरों और डीलर कमीशन को लेकर अलग आंदोलन चला रहे हैं। आज जब व्यापारियों ने बंद का ऐलान किया तो उन्होंने भी समर्थन किया। उल्लेखनीय है कि केन्द्र की एक नई नीति से मेडिकल स्टोर संचालकों पर दोहरी मार पड़ने की संभावना है। उन्हें प्रत्येक दवा के विक्रय की जानकारी ऑनलाइन देनी होगी। वहीं डाक्टर का दवाई का पर्चा भी ऑनलाइन करना होगा। जबकि ऑनलाइन की व्यवस्था हर स्टोर पर उपलब्ध नहीं है।
वहीं दूसरी ओर पेट्रोल पंप संचालक भी 16 जून से शुरू हुए रोजाना की पेट्रोल-डीजल की दरों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा डीलर स्तर पर मिलने वाले कमीशन की दरों को बढ़ाने को लेकर भी पंप संचालक अपना विरोध जता रहे हैं।


