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15 मिनट के ब्लैकआउट कार्यक्रम में अन्य धर्मों के लोगों ने भी ल‍िया हिस्सा लिया, सरकार माने अपनी गलती : सैयद कासिम रसूल इलियास

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की ओर से शुरू किया गया "लाइट्स ऑफ" कार्यक्रम के सफल होने का दावा क‍िया गया है

15 मिनट के ब्लैकआउट कार्यक्रम में अन्य धर्मों के लोगों ने भी ल‍िया हिस्सा लिया, सरकार माने अपनी गलती : सैयद कासिम रसूल इलियास
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नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की ओर से शुरू किया गया "लाइट्स ऑफ" कार्यक्रम के सफल होने का दावा क‍िया गया है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, "हमें पूरे देश से बहुत उत्साहजनक रिपोर्ट मिल रही हैं। न केवल मुस्लिम इलाकों में घरों, दुकानों, कारखानों, बाजारों और व्यापारिक केंद्रों में 15 मिनट के लिए पूरी तरह से ब्लैकआउट किया गया, बल्कि अन्य धर्मों के कई लोगों ने भी इसमें हिस्सा लिया तथा मुस्लिम समुदाय के साथ असाधारण एकजुटता दिखाई। रात की नमाज के समय मस्जिदों की लाइटें भी बंद कर दी गईं। श‍िया, सुन्नी, देवबंदी, बरेलवी सभी ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कुछ लोग जिन्होंने शुरू में इस प्रतीकात्मक विरोध पर आपत्ति जताई थी, वे भी एकता के महान उद्देश्य के लिए इसमें शामिल हुए, जो वास्तव में "अपनी जड़ों से जुड़े रहें और बेहतर दिनों की उम्मीद रखने" की भावना को दर्शाता है।"

उन्होंने कहा, "इस ब्लैकआउट विरोध ने केंद्र सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है। सरकार को अब यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि वह जिन लोगों पर भरोसा कर रही थी, जो सामुदायिक हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं, वे वास्तव में समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। सरकार को अपनी गलती माननी चाहिए, वक्फ अधिनियम में अन्यायपूर्ण और विभाजनकारी संशोधनों को वापस लेना चाहिए, जो मौलिक अधिकारों और संविधान की भावना के खिलाफ हैं और एक जिम्मेदार सरकार की तरह काम करना चाहिए।"

सैयद कासिम रसूल इलियास ने कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से मैं पूरे भारतीय मुस्लिम समुदाय, अन्य अल्पसंख्यक समुदायों, नागरिक समाज संगठनों, दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। आपकी कड़ी मेहनत, ऊर्जा और प्रतिबद्धता ने इस कार्यक्रम को एक बड़ी सफलता दिलाई और हम इसके सकारात्मक परिणाम पहले ही देख चुके हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आप भविष्य में भी बोर्ड का समर्थन करते रहेंगे और तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक वक्फ कानून में ये गैरकानूनी संशोधन वापस नहीं ले लिए जाते।"

बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लोगों को विशेषकर मुसलमानों से अपील की थी कि वह वक्फ कानून के विरोध में 30 अप्रैल को रात 9 बजे से 9:15 बजे तक घरों, दुकानों, कारखानों, बाजारों और व्यापारिक केंद्रों की लाइट बंद रखें।


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