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राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से की कृषि कानून रद्द करने की मांग

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विपक्ष के पांच नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर किसान आंदोलन के मद्देनजर सरकार से कृषि संबंधी तीनों कानून वापस लेने की मांग की

राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से की कृषि कानून रद्द करने की मांग
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नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विपक्ष के पांच नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर किसान आंदोलन के मद्देनजर सरकार से कृषि संबंधी तीनों कानून वापस लेने की मांग की।

राहुल गांधी ने मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति से कहा कि सरकार किसानों के हितों को कुचल रही है जिसके कारण किसान सड़कों पर है इसलिए किसानों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए वह सरकार को इन तीनों कानूनों को वापस लेने का निर्देश दें।
उन्होंने कहा "जिस तरह से यह तीनों विधेयक पारित हुए हैं, वह तरीका ही गलत था और इससे किसान का सरकार पर भरोसा टूटा है। ठंड में किसान धरने पर बैठे है और किसान विरोधी सरकार उनकी नहीं सुन रही है। जब तक किसानों की बात नहीं मानी जाती है, वे सड़कों से हटेंगे नही।"

राष्ट्रवाद कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने कहा कि किसान 13 दिन से ठंड से सिकुड़ रहे हैं और सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। ऐसे में विपक्षी नेताओं का दायित्व था कि देश के सर्वोच्च नेतृत्व से मिलकर सरकार की असलियत से अवगत कराये और इसी वजह से आज यह राष्ट्रपति से मुलाकात की। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी. राजा ने कहा कि सरकार जिस तरह से किसानों के साथ पेश आ रही है और उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है, उसे देखते हुए विपक्ष के नेता शांत नहीं रह सकते हैं। उन्होंने राष्ट्रपति से इसी कारण मुलाकात करने का निर्णय लिया और राष्ट्रपति ने उनकी बात को ध्यान से सुना है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि विपक्ष के सभी नेताओं ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह किसानों के हित में उन तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को कहें।

राष्ट्रपति से मिलने गए द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता टीकेएस इलांगोवन ने कहा कि किसान सरकार के रवैये से निराश होकर धरना पर बैठे हैं और इन तीनों कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा डीएमके प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा है।


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