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अब शिवराज सरकार पर भड़के व्यापारी

मध्य प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर राज्य सरकार तमाम घोषणा कर रही है, जो सरकार पर ही उल्टी पड़ रही है

अब शिवराज सरकार पर भड़के व्यापारी
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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर राज्य सरकार तमाम घोषणा कर रही है, जो सरकार पर ही उल्टी पड़ रही है। शिवराज सरकार के नए आदेशों के बाद अब व्यापारी भड़क गए हैं और उन्होंने तब तक खरीदी बंद करने की घोषणा की है, कि सरकार जब तक अपने आदेश वापस नहीं लेगी, प्रदेश की किसी भी मंडी में खरीदी नहीं की जाएगी। इस मामले में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के आदेश व्यापारियों के सामने परेशानी खड़ी कर रहे हैं, अगर वे राज्य सरकार के आदेश को मानते हैं, तो आयकर विभाग के फंदे में फंसेंगे और अगर केन्द्र सरकार के नियम को मानें, तो राज्य सरकार के फंदे में।

व्यापारी पहले से ही केन्द्र सरकार द्वारा जीएसटी की विसंगतियों को लेकर आक्रोषित थे, इसी बीच राज्य में किसान आंदोलन शुरु हो गया और शिवराज सरकार ने आदेश जारी कर दिया, कि किसानों की खरीदी का 50 फीसदी नगद और 50 फीसदी आरटीजीएस से भुगतान किया जाए, अभी तक भुगतान आरटीजीएस या चैक से किया जाता था।

मप्र सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष गोपाल दास अग्रवाल का कहना है, कि आयकर विभाग के नियम कहते हैं, कि 10 हजार रू से अधिक नगद भुगतान नहींकिया जा सकता, उसके आगे 2 लाख रुपए तक के भुगतान के लिए किसान का खसरा, खतैनी, ऋण पुस्तिका, बी-1,बी-2, आधार कार्ड, पैन कार्ड की कापी लेनी होगी। आयकर विभाग की स्क्रूटनी में अगर विक्रेता किसान साबित नहीं हुआ, तो व्यापारी पर जुर्माना लगेगा।

व्यापारियों ने जब अपना पक्ष सरकार के सामने रखा, तो दूसरा आदेश निकला, कि व्यापारी अपनी सुविधा और बैंक की उपलब्धता के अनुसार भुगतान कर सकता है। श्री अग्रवाल का कहना है, व्यापारी पूरा नगद भुगतान करने को तैयार है, पर राज्य सरकार को चाहिए, कि वह आयकर नियम में उन्हें राहत दिला दे। दूसरी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कर उपवास के दौरान की, उन्होंने कहा, कि समर्थन मूल्य से कम कीमत पर खरीदी पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।

श्री अग्रवाल का कहना है, कि व्यापारी बाजार भाव के हिसाब से माल खरीदता है, जो समर्थन मूल्य से कम भी हो सकता है और अधिक भी। सरकार किसानों को फायदा पहुंचाना चाहती है, तो उसे सरकारी खरीद केन्द्र पर किसानों का सारा माल खरीदना चाहिए, व्यापारियों को इस तरह बाध्य नहीं किया जा सकता।


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