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मप्र में शराब ठेकेदारों की याचिका पर सरकार को नोटिस

मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों की याचिका पर सरकार को नोटिसकेंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों पर निर्धारित शर्तो को पूरा करते हुए मंगलवार से राज्य सरकार ने शराब दुकान खोलने की अनुमति थी

मप्र में शराब ठेकेदारों की याचिका पर सरकार को नोटिस
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जबलपुर। मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों की याचिका पर सरकार को नोटिसकेंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों पर निर्धारित शर्तो को पूरा करते हुए मंगलवार से राज्य सरकार ने शराब दुकान खोलने की अनुमति थी। शराब ठेकेदारों ने ठेके की राशि कम किए जाने की मांग को लेकर जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिस पर मुख्य न्यायाधीश ए.के. मित्तल तथा न्यायाधीश वी.के. शुक्ला की युगल पीठ ने सरकार को नोटिस जारी किया गया है। राज्य के शराब ठेकेदारों की ओर से अधिवक्ता किशोर श्रीवास्तव व राहुल दिवाकर ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मांग की, कि कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से वे अपनी दुकानों का संचालन नहीं कर पाए, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उनकी ठेके की राशि कम की जाए। वहीं, निविदा में 14 घंटे दुकान खोलने का प्रावधान था। अब इतनी अवधि दुकानें नहीं खुलेंगी।

शराब ठेकेदारों की तरफ से पेश की गई याचिका में कहा गया है कि ठेका की अवधि 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक थी। निविदा के अनुसार ठेके की अवधि शुरू होने के पहले ही करोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। लॉकडाउन की अवधि में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा अब कुछ जिलों तथा क्षेत्रों में शराब दुकान संचालन की अनुमति प्रदान की गई। इन क्षेत्रों में महज कुछ घंटे ही दुकान संचालन की अनुमति रहेगी।

अधिवक्ताओं ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि ठेकेदारों द्वारा कई हजार करोड़ों में ठेका लिया गया है। इसलिए जितने दिन दुकान बंद रही है और दुकान संचालन के घंटों में कटौती का आकलन कर ठेका राशि कम की जाए। ऐसा नहीं होता है तो उनकी जमा राशि वापस की जाए और नए सिरे से ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएं।

अधिवक्ताओं के अनुसार, इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश ए.के. मित्तल तथा न्यायाधीश वी.के. शुक्ला की युगल पीठ ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश सरकार का जवाब आने के बाद अगली सुनवाई में अंतरिम राहत पर विचार किया जाएगा।


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