यमुना नदी की सफाई में कोताही को लेकर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने यमुना नदी की सफाई में कोताही बरतने के मामले में दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने यमुना नदी की सफाई में कोताही बरतने के मामले में दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।
एनजीटी ने नदी की सफाई के उसके आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर दिल्ली सरकार के सचिव से पूछा है कि इसके लिए उनके और अन्य के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
एनजीटी ने 17 अक्टूबर को दिए आदेश में दिल्ली के मुख्य सचिव,दिल्ली विकास प्राधिकरण,दिल्ली जलबोर्ड और सफाई परियोजना काे चला रही कंपनी लार्सन एंड टुर्बो को सफाई में हो रही देरी का कारण बताने के लिए आज उसके समक्ष पेश होने काे कहा था।
नदी के पहले चरण की सफाई योजना के तहत नदी में गिरने वाले नजफगढ़ नाले और दिल्ली गेट के नाले के जल में प्रदूषण के स्तर का घटाने का काम किया जाना है जबकि दूसरे चरण के तहत शाहदरा,बदरपुर और अन्य नालों के पानी में प्रदूषण का स्तर कम करना है।
डीडीए पहले ही कह चुका है कि उसने एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए दिल्ली जल बोर्ड को 37 करोड रूपए जारी कर दिए हैं। एनजीटी का कहना है कि यमुना नदी में बढ़ता प्रदूषण एक गंभीर विषय है।
उसने हरियाणा और हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से यमुना के हरियाणा में प्रवेश करते समय उसकी गुणवत्ता और प्रवाह पर संयुक्त रूप से अध्ययन करने को कहा है।
इसके साथ ही बोर्ड को इसके आसपास स्थित उद्योगों की सूची जमा करने को भी कहा है।
एनजीटी ने कहा है कि यमुना में पहुंचने वाले 67 प्रतिशत प्रदूषकों को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के तहत ठीक किया जाएगा जो दिल्ली गेट और नजफगढ़ में हैं।
ये 'मैली से निर्मल यमुना रिवाइलाइजेशन प्रोजेक्ट 2017' के पहले चरण के तहत किया जाएगा।


