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मणिपुर: बम धमकी के विरोध में इंफाल के सभी पेट्रोल पंप बंद, आम जनता परेशान

मणिपुर की राजधानी इंफाल और उसके आसपास के इलाकों में सभी पेट्रोल पंप बंद रहे, जिससे आम लोगों और रोज़ाना सफर करने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा

मणिपुर: बम धमकी के विरोध में इंफाल के सभी पेट्रोल पंप बंद, आम जनता परेशान
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इंफाल। मणिपुर की राजधानी इंफाल और उसके आसपास के इलाकों में शनिवार को सभी पेट्रोल पंप बंद रहे, जिससे आम लोगों और रोज़ाना सफर करने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा हाल ही में मिली बम धमकी के विरोध में यह कदम उठाया गया। पंप मालिकों के इस फैसले के चलते शहर में ईंधन संकट जैसी स्थिति बन गई और कई लोगों को मजबूरी में ऊंचे दामों पर पेट्रोल-डीजल खरीदना पड़ा।

जानकारी के अनुसार, बीते दो दिनों से तेल विपणन केंद्र बंद हैं। यह स्थिति राष्ट्रपति के मणिपुर दौरे के मद्देनजर कोऑर्डिनेशन कमेटी (कोरकॉम) द्वारा दिए गए बहिष्कार के आह्वान के बाद और गंभीर हो गई। हालांकि, पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि उनका विरोध मुख्य रूप से सुरक्षा चिंताओं से जुड़ा है, जो हाल की बम धमकी की घटना के बाद और बढ़ गई हैं।

यह विरोध 6 दिसंबर की उस गंभीर घटना के बाद शुरू हुआ, जब इंफाल पूर्व जिले के कोईरेंगी इलाके में स्थित एम/एस इबुधौ पाखंगबा फिलिंग स्टेशन के शौचालय के भीतर एक हैंड ग्रेनेड बरामद किया गया। बताया गया कि विस्फोटक उपकरण के साथ एक पत्र भी मिला था, जिसमें एक विशेष समूह की मांगें पूरी न होने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। इस घटना ने पेट्रोल पंप संचालकों और कर्मचारियों के बीच भय और असुरक्षा की भावना को और गहरा कर दिया। घटना के बाद मणिपुर पेट्रोलियम डीलर्स फ्रेटरनिटी ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन शुरू करने का निर्णय लिया और राज्य सरकार से पेट्रोल पंपों की सुरक्षा को लेकर तत्काल और ठोस कदम उठाने की मांग की। डीलर्स का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल उनके व्यवसाय को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि कर्मचारियों और ग्राहकों की जान को भी खतरे में डाल रही हैं।

शनिवार को फ्रेटरनिटी ने मणिपुर के राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें पेट्रोलियम आउटलेट्स के लिए कड़े सुरक्षा इंतज़ाम सुनिश्चित करने और इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को पर्याप्त संरक्षण देने की मांग की गई। ज्ञापन में कहा गया कि हालिया बम धमकी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता है। डीलर्स फ्रेटरनिटी ने इस घटना को अत्यंत गंभीर करार देते हुए बताया कि पेट्रोल पंपों के कर्मचारी लंबे समय से लगातार धमकियों, अपहरण के प्रयासों और जबरन वसूली जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी परिस्थितियों में व्यवसाय चलाना बेहद कठिन हो गया है और यदि सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो भविष्य में स्थिति और बिगड़ सकती है।

सार्वजनिक सुरक्षा पर जोर देते हुए फ्रेटरनिटी ने प्रशासन से विशेष रूप से व्यावसायिक क्षेत्रों के आसपास प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था तैनात करने की अपील की। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यपाल इस गंभीर मुद्दे को प्राथमिकता देंगे और जल्द ही कोई सकारात्मक एवं सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जाएगा, ताकि पेट्रोल पंपों का संचालन फिर से सामान्य हो सके और आम जनता को राहत मिल सके।


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