गिरफ्तार नीरव मोदी की वेस्टमिनिस्टर कोर्ट में अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी
पंजाब नैशनल बैंक से 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया है

नई दिल्ली। पंजाब नैशनल बैंक से 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया है।
नीरव मोदी को 3:30 बजे दोपहर में लंदन के कोर्ट में हाजिर किया जाएगा।
वहां की अदालत अब भारत में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर मामले की सुनवाई करेगी।
इसके साथ ही सूत्रों का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से भगोड़ा व्यापारी नीरव मोदी की संपत्तियों को बंचा जा सकता है।
कोर्ट ने भारत के ईडी की ओर से प्रत्यर्पण की अर्जी दाखिल करने के जवाब में लंदन में अरेस्ट वॉरंट जारी किया था।
नीरव मोदी के प्रत्यर्पण में समय लगेगा : ब्रिटिश कानूनविद
ब्रिटेन के एक शीर्ष कानून विशेषज्ञ ने आज कहा कि लंदन पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू होने में सभवत: लंबा वक्त लग सकता है।
वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने 13 मार्च को नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके बाद उसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया। भारत सरकार ने इसे एक बड़ी जीत बताया है।
पिछले सप्ताह भारतीय लोग नीरव मोदी को ऑस्ट्रिच के चमड़े के जैकेट पहने लंदन में बेपरवाह तरीके से घूमते देख चकित रह गए थे।
मोदी की गिरफ्तारी की खबर से सत्तारूढ़ भाजपा काफी उत्साहित है।
जयवाला एंड कंपनी. एलएलपी, ब्रिटेन के संस्थापक-वरिष्ठ साझेदार सरोश जयवाला ने कहा, "13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में मोदी को प्रत्यर्पित करने के लिए वारंट जारी करना पहला कदम था।"
जयवाला ने कहा, "गिरफ्तारी वारंट से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि अदालत इस बात से संतुष्ट है कि याचिका में जो बात बताई गई है वह एक प्रत्यर्पण से संबंधित अपराध है। हालांकि प्रोटोकोल के मुताबिक, स्कॉटलैंड यार्ड तबतक प्रत्यर्पण आग्रह को नहीं देखेगा, जबतक आरोपी को अदालत के समक्ष पेश नहीं किया जाएगा।"
कानूनी विशेषज्ञ ने मोदी की गिरफ्तारी के बाद कहा, "नीरव मोदी का मामला माल्या के मामले की कार्यवाही की तरह दोहराए जाने जैसा है, जिसके अनुसार उसे अस्थायी हिरासत में लिया गया, फिर जमानत की अर्जी दी जाएगी और तब अदालत उनकी याचिका सुनेगा।"
जयवाला ने कहा, "मोदी के प्रत्यर्पण के आदेश देने के बाद, ब्रिटेन के गृह सचिव फिर से अनुपालन के आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। इस अवस्था में भी समस्या पैदा हो सकती है, अगर मोदी ने पहले से ही किसी यूरापीय देश की नागरिकता ले रखी हो या उसके पास अंतर्राष्ट्रीय नागरिकता हो।"
जयवाला ने कहा कि इनसब का कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर मोदी ब्रिटेन में ही जमे रहते हैं, लेकिन विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और अपर देशीय कानूनी पेंचों की वजह से लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है।


